कोलकाता: लंबे समय से अटकी प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने 23 जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में 13,421 सहायक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन पदों को भरने की अनुमति दी जाती है। सूत्रों के अनुसार, इन नियुक्तियों से सरकार पर लगभग 613.12 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय बोझ पड़ेगा। प्राथमिक विद्यालय परिषदों के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के लिए यह भर्ती होगी। 2023 में जिन्होंने टेट परीक्षा दी है, अर्थात् जिनका आज परिणाम घोषित हुआ है, उन्हें भी इस भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
हालांकि, यह पूरा प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के अधीन होगा। इसके साथ ही अब प्राथमिक शिक्षा विभाग भर्ती विज्ञप्ति जारी करने की तैयारी तेज करेगा। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से अभ्यर्थी नियुक्तियों की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। वित्त विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद अब उम्मीद है कि प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी।
शिक्षा विभाग के सूत्रों का मानना है कि सरकार की मंजूरी मिलने के बाद किसी तरह की बड़ी बाधा नहीं रहेगी। अभ्यर्थियों के लिए यह निर्णय एक बड़ी राहत है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्राथमिक शिक्षा परिषद आधिकारिक विज्ञापन जारी कर देगी। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने हाल ही में कहा था कि रिक्त पदों की संख्या तय करने का काम जारी है। वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद अब नियुक्ति प्रक्रिया में कोई बड़ी बाधा नहीं रही।
इतनी देरी क्यों?
2023 के टेट परीक्षा के परिणाम घोषित करने में जटिलताएँ उत्पन्न हो गई थीं। प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष गौतम पाल ने बताया था कि 2017 और 2022 के टेट की कानूनी जटिलताएं न सुलझने तक 2023 के परीक्षा परिणाम जारी करने की संभावना नहीं है। परीक्षार्थियों का आरोप है कि 2017 के टेट में 23 प्रश्न गलत थे, जबकि 2022 के टेट में 24 प्रश्न गलत थे। इसके खिलाफ अदालत में मामला भी चला। शिकायत की जांच कर विशेषज्ञ समिति ने विस्तृत रिपोर्ट दी। 2023 के टेट के प्रश्नों को लेकर भी मामला दर्ज हुआ था। परिषद ने इस पर कानूनी सलाह भी ली थी। विभिन्न कानूनी जटिलताओं और भर्ती में देरी के कारण 2024 का टेट परीक्षा भी रद्द हो गयी। हजारों जटिलताओं के बाद अब अभ्यर्थियों की उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।