जयपुर : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्तिगत जीवन को उन्नत करती है बल्कि राष्ट्र को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाती है। शिक्षा का स्वभाव ही निरंतरता है। वह अजमेर जिले में स्थित राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे जिसमें 2024 और 2025 बैच के विद्यार्थियों को उपाधि तथा स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। प्रधान ने कहा कि शिक्षा का स्वभाव ही निरंतरता है- यह दीक्षांत नहीं, बल्कि आजीवन सीखने की यात्रा का एक पड़ाव है। यह अवसर विद्यार्थियों के लिए केवल शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि जीवन के उत्तरदायित्व और राष्ट्रनिर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का स्मरण भी है।
उन्होंने कहा कि आज भारत एक सामूहिक संकल्प के साथ विश्व के अग्रणी राष्ट्रों की श्रेणी में स्थान बनाने की ओर अग्रसर है। शिक्षा वह माध्यम है, जो न केवल व्यक्तिगत जीवन को उन्नत करती है, बल्कि राष्ट्र को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाती है। इसी दृष्टि से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बहुविषयक, कौशल आधारित और रोजगारोन्मुख शिक्षा प्रणाली को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही, वैश्विक शिक्षा सहयोग को सशक्त करने के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने की अनुमति दी गई है और अब तक 8 विश्वविद्यालयों की स्थापना भी हो चुकी है।