कोटा : झालावाड़ के पिपलोदी में एक स्कूल का हिस्सा ढहने की घटना में अपने बच्चों को खोने वाली 2 माताओं बिंती बाई और राजू बाई ने नसबंदी समाप्त करने वाली सर्जरी कराई है जिसके बाद भविष्य में उनके घरों में फिर से किलकारियां गूंजने की उम्मीद जागी है। दोनों महिलाओं ने परिवार कल्याण पहल के तहत नसबंदी कराई थी।
इस वर्ष 25 जुलाई को सरकारी स्कूल का एक हिस्सा उस समय ढह गया था जब छात्र सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्र हो रहे थे। इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी और 28 घायल हो गए थे जिनमें से कुछ की हालत गंभीर थी।
राजू बाई के बेटे कार्तिक (10) की इस हादसे में मौत हो गई थी। उन्होंने पिछले महीने नसबंदी समाप्त कराने संबंधी सर्जरी कराई थी। वहीं बिंती बाई की बुधवार को सर्जरी हुई जिन्होंने स्कूल हादसे में अपने बेटे कान्हा (7) और बेटी मीना (10) को खो दिया था।
झालावाड़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. साजिद खान ने कहा, अपने बच्चों को खोने के बाद दोनों माताएं गहरे सदमे और अवसाद में थीं। हमने उन्हें अपने मनोवैज्ञानिकों से परामर्श दिलाया और उन्हें नसबंदी समाप्त करने की सर्जरी के माध्यम से पुनः मातृत्व प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने बताया, रीकैनलाइजेशन सर्जरी अत्यंत दुर्लभ मामलों में की जाती है, और हमने त्रासदी से प्रभावित परिवारों को आशा प्रदान करने के लिए इसे झालावाड़ में करने का निर्णय लिया। डॉ. खान ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर दोनों महिलाओं को कोटा और जयपुर में आईवीएफ केन्द्रों से संपर्क कराया जाएगा।
स्कूल हादसे के बाद शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और सांसद दुष्यंत सिंह ने जिलाधिकारी को इन दोनों महिलाओं की नसबंदी समाप्त करने की सर्जरी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे।
जिसके बाद जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने डॉ. खान को निर्देश दिया कि वे प्रक्रिया के लिए एक मेडिकल टीम गठित करें। इसके बाद, डॉ. खान ने झालावाड़ के हीरा बाई कंवर महिला चिकित्सालय में राजू बाई का ऑपरेशन करवाया। बुधवार को इसी चिकित्सालय में डॉ. मधुरिमा वर्मा और उनकी टीम ने बिंती बाई का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया।