कोलकाता : इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के ग्रीन बंगाल समिट 2025 में नेट जीरो के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की गयी। रजिस्टर्ड ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाओं के मामले में पश्चिम बंगाल की रैंकिंग देश के टॉप 10 राज्यों में है और पश्चिम बंगाल पूर्वी भारत के ग्रीन बिल्डिंग आंदोलन में क्षेत्रीय लीडर के तौर पर उभरा है। 900 से अधिक आईजीबीसी रजिस्टर्ड परियोजनाओं और न्यूटाउन कोलकाता के प्लेटिनम रेटेड ग्रीन टाउनशिप में बदलने के साथ राज्य ने सतत शहरी विकास में मजबूत गति प्रदर्शित की है।
विकासमूलक नीतियों के सहयाेग, ग्रीन सर्टिफिकेशन के लिए की गयी पहल और भवन निर्माण उपनियमों में पर्यावरण अनुकूल मानदंडों के एकीकरण के साथ बंगाल धीरे-धीरे नेट जीरो के भविष्य की ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार को सीआईआई इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) की ओर से ग्रीन बंगाल समिट 2025 का आयोजन सॉल्टलेक में किया गया। इसकी थीम ‘बंगाल के टिकाऊ और लचीले बुनियादी ढांचे को नेट ज़ीरो की ओर बढ़ाना’ थी। आईजीबीसी कोलकाता के चेयरमैन सुशील मोहता ने कहा, ‘ग्रीन बंगाल समिट 2025 ने यह प्रदर्शित किया है कि बंगाल न केवल भारत की नेट जीरो महत्वाकांक्षाओं के साथ जुड़ा हुआ है, बल्कि बड़े पैमाने पर हरित बुनियादी ढांचे को लागू करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार, आईजीबीसी और उद्योग के बीच सहयोग प्रभाव को बढ़ाने की कुंजी होगी।’ उद्घाटन भाषण राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दिया। कार्यक्रम में पर्यावरण विभाग के चीफ एनवायरनमेंट ऑफिसर आईएफएस धर्मदेव राई, चेयरमैन, सीआईआई वेस्ट बंगाल स्टेट काउंसिल एण्ड डायरेक्टर देवाशिष दत्ता, अजीत कुमार चोरड़िया, चेयरमैन, सीआईआई चेन्नई व एमडी, ओलंपिया ग्रुप, विवेक सिंह राठौर, को-चेयरमैन, आईजीबीसी कोलकाता एण्ड डिजाइन प्रिंसिपल, द सैलिएंट, एम आनंद, डिप्टी एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, आईजीबीसी मौजूद थे।
ग्रीन काे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाये कदम
राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार ने आईजीबीसी के लिए और गृह प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंगों के लिए अतिरिक्त फ्लोर एरिया की शुरुआत की, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण को बढ़ावा दिया और स्वच्छ ऊर्जा निवेश को आकर्षित करने के लिए ऊर्जा विनिर्माण प्रोत्साहन नीति 2023 का शुभारंभ किया गया। उन्होंने आगामी फोकस क्षेत्रों पर भी प्रकाश डाला, जिनमें सभी नए सरकारी और वाणिज्यिक भवनों के लिए छत पर सौर ऊर्जा की स्थापना, सतत विकास के लिए सरकार, शिक्षा, उद्योग और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग, ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) बुनियादी ढांचे और नवाचार को बढ़ावा देना शामिल हैं। हरित पहल को बढ़ावा देने के लिए नई परियोजनाओं में सौर पैनल, एलईडी लाइटिंग और जल संरक्षण प्रणाली जैसी सुविधाओं को अनिवार्य किया गया है।