कुछ देर तक सेतु पर लगा जाम, पुलिस ने सुलझाया मामला
कोलकाता : महानगर में विद्यासागर सेतु के बीचोबीच गाड़ी रोककर बीजेपी सांसद और तृणमूल विधायक के बीच बहस हो गई। कार की स्पीड में दिक्कत के चलते अभिजीत गंगोपाध्याय और बाबुल सुप्रियो ने दूसरे हुगली ब्रिज पर कार रोक दी। कथित तौर पर सांसद ने तृणमूल विधायक और राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो के बारे में बुरा बोलना जारी रखा। बाबुल ने विरोध करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा, जिसपर अभिजीत गांगोपाध्याय नाराज हो गये। परिणामस्वरूप, अशांति और अधिक बढ़ गई। सूचना मिलने के बाद हावड़ा सिटी पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कदम उठाया। हालांकि, सेकेंड हुगली ब्रिज जैसी जगह पर दो वीवीआईपी कारें इस तरह रुक गईं, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार तमलुक से बीजेपी सांसद और पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय का ड्राइवर कथित तौर पर विद्यासागर सेतु पर तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। घड़ी में रात के 9 बज चुके थे। वहीं, मंत्री बाबुल सुप्रियो वहां खुद गाड़ी चला रहे थे। बाबुल ने अभिजीत बाबू की कार की स्पीड पर आपत्ति जताई। शिकायत सुनने के बाद बीजेपी सांसद ने उन पर अभद्र भाषा में हमला बोल दिया। आगे आरोप है कि बाबुल की कार से आगे निकलने के लिए उसकी कार को एक तरफ धकेलने की कोशिश कर रही है। पहले तो उसे समझ नहीं आया लेकिन मामला समझ में आने के बाद बाबुल ने पुल पर कार रोक दी। जब बाबुल ने नीली बत्ती लगी कार रोकी और ड्राइवर से पूछताछ की तो उन्हें पिछली सीट पर पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय बैठे दिखे। बाबुल ने ड्राइवर से पूछा कि वह इतनी तेज गाड़ी क्यों चला रहा है। कथित तौर पर उसी वक्त अभिजीत ने अचानक पीछे से उन पर भद्दी भाषा से वार करना शुरू कर दिया। बाबुल ने उन्हें समझाया कि उनकी कार खतरनाक गति से चल रही है। इससे कभी भी हादसा हो सकता है। यह सुनकर अभिजीत बाबू को गुस्सा आ गया। उन पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है। बाबुल और अभिजीत के बीच हुई इस बहस के दौरान दूसरे हुगली ब्रिज पर लोग जमा हो गए। खबर मिलते ही ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल और कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। बाबुल ने कहा कि जब तक अभिजीत गंगोपाध्याय उनसे माफी नहीं मांग लेते, उन्हें जाने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद अभिजीत अपने साथ मौजूद सुरक्षा गार्डों और पुलिसकर्मियों से कहने लगे, "अभी बाबुल को गिरफ्तार करो।" बाबुल ने विरोध करते हुए कहा कि इस तरह किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। और ये बात वे किस हैसियत से कह रहे हैं? वह अब जज नहीं हैं। नतीजतन, ऐसे निर्देश बेहद आपत्तिजनक हैं। एक समय तो तनाव चरम पर पहुंच गया। बाद में अभिजीत नरम पड़े और फिर दोनों वहां से निकल गये।