कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शनिवार को नयी दिल्ली में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने के फैसले से राज्य में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच नया राजनीतिक टकराव शुरू हो गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है, लेकिन उनकी पार्टी ने केंद्र से बंगाल के लंबे समय से लंबित बकाये का उल्लेख करके उनका बचाव करने की पूरी कोशिश की।
पार्टी ने पूछा, बंगाल की बकाया राशि कहां है?
इस दिन टीएमसी भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शशि पांजा जैसे शीर्ष नेताओं ने कहा, हम इस पर कोई बयान नहीं देंगे क्योंकि इस बैठक का मामला सरकार का है और सीएम ने इस बारे में फैसला लिया है लेकिन पीएम मोदी अगर साथ मिलकर काम करने की बात करते हैं, तो पहले यह बताएं कि बंगाल की बकाया राशि कहां है? वे बंगाल से टैक्स ले रहे हैं, जो चार साल में 4.64 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड है। फिर भी बंगाल को अपना हक नहीं मिल रहा है। पार्टी ने यह भी कहा, मनरेगा के फंड को रोक दिया गया है। 59 लाख जॉब कार्ड धारकों को राज्य के खजाने से 37,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। आवास योजना के फंड को भी रोक दिया गया है। हालांकि, 'बांग्लार बाड़ी' के माध्यम से 12 लाख परिवारों को राज्य सरकार धन दे रही है। जब पीएम मोदी बंगाल को वंचित करने के बाद भी सभी राज्यो को एकजुट होने की बात करते हैं, तो इसका कोई मतलब नहीं है। एक साथ काम करने के लिए दोनों तरफ से प्रयास होने चाहिए और ऐसा करना उनका कर्तव्य है।
किसी ने भी स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के बारे में नहीं सोचा
टीएमसी ने स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान नहीं दिखाने के लिए भी सरकार की आलोचना की। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कहा कि विदेश यात्रा पर गये अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होने के नाते टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी बोस और राधाबिनोद पाल को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी समाधि पर जाने का समय निकाला। यहां तक कि प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री पहले भी इस स्थल का दौरा कर चुके हैं, लेकिन किसी ने भी स्वतंत्रता संग्राम में रासबिहारी बोस के बहुमूल्य योगदान के बारे में नहीं सोचा।
रेलवे स्टेशनों के सुन्दरीकरण के बारे में झूठ
टीएमसी ने देश भर में रेलवे स्टेशनों के सुन्दरीकरण के बारे में झूठ फैलाने के लिए भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों के सुन्दरीकरण और स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने का विचार ममता बनर्जी ने रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लाया था। राज्य में मेट्रो का विकास, इसके सुन्दरीकरण के साथ-साथ महान हस्तियों के नाम शामिल करना और उनके नाम पर स्टेशन का नामकरण करना, उनका विचार था। दक्षिणेश्वर का टिकट काउंटर मंदिर जैसा दिखता है – इसका आइडिया भी ममता बनर्जी ने दिया था। आज भाजपा जो वादा कर रही है, वह ममता बनर्जी सालों पहले कर चुकी हैं।