कोलकाता सिटी

करया सामूहिक दुष्कर्म : सबूतों के अभाव में तीनों अभियुक्त बरी

वर्ष 2014 में चलती कार में किया गया था युवती से सामूहिक दुष्कर्म

कोलकाता : करया थाना क्षेत्र में वर्ष 2014 में दर्ज एक सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अलीपुर अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने तीनों आरोपितों को बेकसूर करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया। मंगलवार को न्यायाधीश अनिंद्य सेनगुप्ता ने यह निर्णय सुनाया। अदालत ने सबूतों के अभाव में तीनों आरोपितों को बरी कर दिया। मामले के अनुसार, जून 2014 में करया थाना अंतर्गत बंडेल गेट इलाके में एक महिला रात में खाना खरीदने बाहर निकली थी। उस दौरान आरोप है कि एक कार में सवार तीन लोगों ने उसे जबरदस्ती गाड़ी में खींचकर बैठाया। आरोप था कि कार के अंदर शाहजादा बक्स नामक व्यक्ति ने महिला से बलात्कार किया, जबकि अकबर खान ने उसे पकड़े रखा और जमाल रहमान ने हथियार दिखाकर डराया।

बाद में तीनों ने पीड़िता को करीब एक घंटे तक गाड़ी में घुमाने के बाद एक सुनसान जगह पर उसे छोड़कर फरार हो गये। इसके बाद महिला ने करया थाना में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उनके खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में 15 गवाहों की गवाही हुई। हालांकि, मंगलवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि जांच में आरोपितों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले। फॉरेंसिक रिपोर्ट भी पर्याप्त नहीं थी।

अभियुक्तों की ओर से वकील श्रावनी राय ने अदालत को बताया कि पुलिस न तो घटना में इस्तेमाल की गई कार का पता लगा सकी, न ही ड्राइवर की पहचान कर पाई। इसके अलावा, जिस स्थान पर महिला को छोड़ा गया था, वहां की तस्वीरें या साक्ष्य भी पेश नहीं किए गए। साथ ही, महिला की गवाही में भी कई विसंगतियाँ पाई गईं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने शाहजादा बक्स, अकबर खान और जमाल रहमान को दोषमुक्त घोषित कर दिया। सरकार की ओर से इस मामले में सरकारी वकील मृदुल विश्वास पेश हुए थे। इस निर्णय के बाद मामले को लेकर पुलिस की जांच प्रक्रिया और सबूत जुटाने की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।


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