कोलकाता : कंपनी का काम डीलरों और व्यापारियों से भुगतान एकत्र करना और उसे दवा ऐप कंपनी को भेजना था लेकिन कथित तौर पर पैसा नहीं भेजा जा रहा था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि कंपनी ने करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी की है। सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक तारकनाथ भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनसे पूछताछ के बाद शतरूपा सरकार और पंपा मिस्त्री नाम के दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों के पास से कंपनी की कई महंगी कारें और सोने के गहने बरामद किए गए हैं। उन गहनों का अनुमानित बाजार मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक है। आरोपितों के कई फ्लैट मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विभिन्न जगहों की तलाशी के बाद करीब 4.5 करोड़ रुपये बरामद किये गये। मामले की जानकारी मंगलवार को बारुईपुर थाने की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। बरुईपुर जिले के पुलिस अधीक्षक पलाश चंद्र ढाली ने कहा, आरोपितों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपितों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हम अभियुक्त के पास से मौजूद सारा पैसा बरामद करने की कोशिश कर रहे हैं। मालूम हो कि दो साल पहले सिक्योरिटी सर्विस नाम की कंपनी ने एक फार्मास्युटिकल ऐप कंपनी से अलग-अलग जगहों पर दवाइयां पहुंचाने के लिए हाथ मिलाया था। कथित तौर पर 2022 से 2024 तक कंपनी ने उस फार्मास्युटिकल कंपनी से दवाएं लीं और उन्हें अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया, लेकिन कंपनी को बकाया पैसा नहीं भेजा। कंपनी ने आखिरकार पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू की और अलग-अलग जगहों से जानकारी जुटानी शुरू की। मालूम हो कि तारकनाथ ने अलग-अलग जगहों पर 15 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। इस बीच कंपनी ने आरोप लगाया है कि तारकनाथ की कंपनी पर करीब 15 करोड़ रुपये बकाया है। उसके बाद पुलिस ने तारकनाथ को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि कंपनी को भुगतान किए बिना कार, फ्लैट और गहने खरीदे गये. बाकी पैसे कहां हैं? उसकी भी तलाश की जा रही है।