कोलकाता : फर्जी आर्म्स लाइसेंस के जरिए महानगर के एक नामी ज्वेलरी शोरूम में ड्यूटी कर रहे तीन बंदूकधारी सुरक्षागार्डों को कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम दिनेश महाली (45), राजू सरदार (37) और विश्वजीत सरकार (40) हैं। कोलकाता पुलिस के एसटीएफ ने छापामारी अभियान चलाकर 13 फर्जी आर्म्स लाइसेंस, 14 बंदूकें और 66 राउंड कारतूस जब्त किए हैं। रविवार को अभियुक्तों को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 22 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
कैसे हुई गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, तीनों आरोपी एक नामी ज्वेलरी ब्रांड की यूनिट में गनमैन के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्हें कीमती आभूषणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार कंपनी द्वारा सुरक्षा कारणों से इन कर्मचारियों से लाइसेंस और अन्य दस्तावेज मांगे गए। दस्तावेजों की जांच के दौरान अनियमितताएं सामने आईं, जिससे कंपनी को संदेह हुआ और उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस की एसटीएफ ने जांच शुरू की। दस्तावेजों की पुष्टि के बाद यह स्पष्ट हो गया कि ये सभी लाइसेंस फर्जी हैं। इसके बाद तीनों गनमैन को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन 12 बोर की बंदूकें और 17 राउंड कारतूस जब्त किए गए। इसके बाद एसटीएफ ने ज्वेलरी कंपनी में कार्यरत अन्य सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ की। यह सभी उक्त ज्वेलरी शोरूम के बहूबाजार, इंटाली समेत विभिन्न शाखाओं में कार्यरत थे। जांच के दौरान 13 और गनमैनों से 13 फर्जी लाइसेंस, 11 बंदूकें और 49 राउंड गोलियां बरामद की गईं।
अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये सुरक्षागार्ड किसी निजी एजेंसी के माध्यम से नियुक्त किए गए थे या नहीं। इससे पहले भी पश्चिम बंगाल पुलिस की एसटीएफ ने फर्जी हथियार लाइसेंस से जुड़े मामलों की जांच की थी, जिसके तहत शहर की कई हथियार दुकानों पर छापेमारी की गई थी। पुलिस को संदेह है कि एक संगठित गिरोह इन फर्जी लाइसेंसों को तैयार कर सुरक्षा एजेंसियों या व्यक्तियों को उपलब्ध करा रहा है। एसटीएफ अब इस गिरोह के मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।