कोलकाता : सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले एक युवक के परिवार ने बड़ा दिल दिखाते हुए उसके अंगदान का निर्णय लिया, जिससे तीन लोगों को नया जीवन मिल सके। हावड़ा जिले के अमता थाना अंतर्गत गाजीपुर गांव के निवासी 23 वर्षीय पुष्कर पाल ने अपनी मृत्यु के बाद भी मानवता की मिसाल पेश की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुष्कर 28 मई की रात करीब 12 बजे अपने गांव के एक स्थानीय व्यक्ति को अस्पताल ले जा रहा था। इसी दौरान, जब वह गाज़ीपुर बाजार इलाके से बाइक से गुजर रहे था, तो सामने से आ रही एक लॉरी को पार करने के तुरंत बाद दूसरी दिशा से एक और लॉरी आ गई। पुष्कर ने किसी तरह बाइक को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन बाइक असंतुलित होकर सड़क किनारे एक खंभे से टकरा गई। इस दुर्घटना में पुष्कर के सिर पर गंभीर चोट आई। स्थानीय लोगों ने उन्हें खून से लथपथ हालत में आमता के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे फौरन एसएसकेएम अस्पताल रेफर कर दिया गया। लगभग दो दिनों तक इलाज चलने के बाद, 31 मई को डॉक्टरों ने पुष्कर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
परिवार ने पेश की मानवता की मिसाल
कम उम्र में बेटे को खोने के दुख के बावजूद, पुष्कर के परिवार ने साहसिक निर्णय लेते हुए उसके अंगदान का फैसला किया। पुष्कर की एक किडनी को कमांड अस्पताल में इलाजरत 52 वर्षीय महिला में प्रत्यारोपित किया जाएगा, जबकि दूसरी किडनी एसएसकेएम अस्पताल में इलाजरत 35 वर्षीय पुरुष को दी जाएगी। उनका लिवर भी एसएसकेएम अस्पताल में ही एक अन्य महिला मरीज को प्रत्यारोपित किया जाएगा। पुष्कर का परिवार अत्यंत गरीब है। उनके परिवार में माता-पिता और एक बड़ी बहन हैं। उनके पिता बीते चार वर्षों से बीमारियों की वजह से घर पर ही हैं। बहन स्थानीय स्तर पर ट्यूशन पढ़ाती हैं। पुष्कर खुद मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। युवावस्था में बेटे की असमय मृत्यु से परिवार पर गहरा वित्तीय संकट आ खड़ा हुआ है। फिर भी, परिवार ने जिस मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अंगदान का निर्णय लिया, वह समाज के लिए प्रेरणास्पद है।