नेहा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता: रविवार का दिन कोलकाता के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, क्योंकि पूरे पांच साल बाद कोलकाता और चीन के ग्वांगझोउ शहर के बीच सीधी उड़ान सेवा फिर से शुरू हो गई। इस लंबे अंतराल के बाद दोनों शहरों को जोड़ने वाली पहली उड़ान रविवार रात को कोलकाता एयरपोर्ट से रवाना हुई। इस उड़ान में 176 यात्री सवार थे।
जानकारी के अनुसार, कोलकाता और ग्वांगझोउ के बीच सीधी उड़ानें 2020 की शुरुआत तक संचालित थीं, लेकिन कोविड-19 महामारी के फैलने और पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के कारण इन्हें निलंबित कर दिया गया था। लगभग पांच वर्षों के अंतराल के बाद, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर हुए सकारात्मक प्रयासों के चलते यह सीधी सेवा फिर से शुरू की गई है। इसके साथ ही, कोलकाता भारत का पहला शहर बन गया है, जिसने चीन के साथ प्रत्यक्ष हवाई संपर्क को पुनः आरंभ किया है।
इंडिगो एयरलाइंस ने इस मार्ग पर दैनिक नॉन-स्टॉप उड़ानों की घोषणा की है, जिससे व्यापार, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर खुलने की उम्मीद है। एयरलाइन का कहना है कि इस सीधी उड़ान से दोनों देशों के व्यावसायिक और सांस्कृतिक संबंधों में नई गति आएगी।
इस अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक संक्षिप्त और भावनात्मक समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई, जिसे एक यात्री ने किया। यह दीप प्रज्वलन भारत और चीन के बीच मित्रता, सहयोग और नवीकृत संबंधों की भावना का प्रतीक था।
कार्यक्रम में एयरपोर्ट निदेशक डॉ. पी.आर. बेउरिया, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और इंडिगो एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। डॉ. बेउरिया ने कहा कि इस सीधी उड़ान मार्ग के पुनः आरंभ होने से न केवल दोनों देशों के बीच व्यापार और पर्यटन के रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा और भी सुगम और समय की बचत वाली होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस सेवा के शुरू होने से कोलकाता की पहचान पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र के रूप में और मजबूत होगी। यह पहल भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत और सकारात्मक सहयोग की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।