कोलकाता सिटी

कलक्टर रिकॉर्ड में मस्जिद दर्ज होने की खबर पूरी तरह झूठी

विवादित वक्फ़ संपत्ति पर भ्रम दूर, ममता ने कानूनी व तकनीकी तथ्य स्पष्ट किए

प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता

बहरमपुर : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में एक बड़ी जनसभा में वक्फ़ संपत्तियों को लेकर फैली अफवाहों पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में यह भ्रम फैलाया गया कि मस्जिद, कब्रिस्तान या वक्फ़ की अन्य संपत्तियों को कलेक्टर की पहली खतियान में दर्ज किया जाएगा, जबकि यह 'पूरी तरह से गलत और मनगढ़ंत' दावा है। ममता ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार किसी भी धार्मिक या वक्फ़ संपत्ति को न तो अधिग्रहित कर रही है और न ही किसी सरकारी रिकॉर्ड में जबरन शामिल कर रही है। उन्होंने इसे 'राजनीतिक स्वार्थ से फैलाया गया डर और दुष्प्रचार' बताया और लोगों से अपील की कि वे ऐसे भ्रामक संदेशों पर विश्वास न करें।

मुख्यमंत्री ने वक्फ़ कानून की तकनीकी प्रक्रिया भी समझाई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अब वक्फ़ संपत्तियों की जानकारी सबसे पहले संपत्ति के मुतवल्ली द्वारा केंद्र के पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद वही जानकारी राज्य वक्फ़ बोर्ड को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अधिकार राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद ही सुनिश्चित हुआ था। ममता ने यह भी याद दिलाया कि केंद्र सरकार की 'एकतरफा नीति' रोकने के लिए राज्य विधानसभा में एक कानून पारित किया गया था, ताकि किसी वक्फ़ संपत्ति को बिना अनुमति छुआ भी न जा सके।

उन्होंने कहा कि '82 हजार वक्फ़ संपत्तियों का डेटा हमारी सरकार आने से पहले ही केंद्र के पोर्टल पर मौजूद था। नवीनतम प्रक्रिया केवल तकनीकी अपडेट है, संपत्ति पर नियंत्रण का प्रयास नहीं।' अंत में, मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया और एआई-निर्मित झूठे संदेशों से सावधान रहने की सलाह दी और आश्वस्त किया—'आपकी धार्मिक जगहें, आपकी संपत्ति और आपका अधिकार सुरक्षित है। किसी भी अफवाह से डरने की जरूरत नहीं है।'

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