कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुआई वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने अगले कुछ महीनों में राज्य भर में 350 किलोमीटर लंबे राज्य राजमार्गों और शहरी सड़कों को चौड़ा और मजबूत करने के लिए लगभग 1,157 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, यह योजना 2026 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने शहरी सड़कों के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि आवंटित की है।
इस मामले में जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे
बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण सड़कों पर भारी खर्च किया है, खासकर तब जब केंद्र ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं का हवाला देते हुए धन जारी करना बंद कर दिया था। इस संबंध में राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पिछले पांच वर्षों में शहरी सड़कों की केवल कुछ पैचवर्क किए गए थे। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद यह पहली बार है जब सरकार राज्य राजमार्गों और शहरी सड़कों पर भारी खर्च करने जा रही है। पिछले महीने जारी एक अधिसूचना के अनुसार, विभिन्न सर्किलों में पदस्थापित लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधीक्षण अभियंताओं को 36 सड़कों की सूची भेजी गई थी, मुख्य रूप से शहरी और राज्य राजमार्ग, जिसमें सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित करने हेतु आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया गया था। इस प्रोजेक्ट में दक्षिण 24 परगना में बजबज ट्रंक रोड, कलकत्ता-बासंती रोड, आरजी कर अस्पताल और हवाई अड्डे के बीच जेसोर रोड, बैरकपुर-बासंती रोड और बारासात-बशीरहाट रोड जैसी सड़कों के कुछ हिस्सों पर सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण का कार्य किया जाएगा।
वर्ष 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा काम
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कुल 350.24 किलोमीटर सड़कों को चौड़ा और मजबूत करके उन्नत किया जाएगा। इस पूरी पहल के लिए 1,157.41 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे और 2025 के अंत तक सारा काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि यह राशि बहुत बड़ी कही जा सकती है, क्योंकि राज्य सरकार पिछले कुछ वर्षों में धन संकट के कारण शहरी सड़कों पर ज्यादा कुछ नहीं कर सकी है लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, शहरी क्षेत्रों में सड़कों की हालत खराब होती जा रही है, इसी के मद्देनजर सरकार ने सड़कों पर भारी खर्च करने का फैसला किया है। ये सड़कें बीच-बीच में ग्रामीण क्षेत्रों को स्पर्श करते हुए शहरी केंद्रों को जोड़ती हैं, इसलिए इन परियोजनाओं से सभी को लाभ होगा।