कोलकाता सिटी

कुशल भारत समूह का पुरुलिया को अभिनव उपहार

पुरुलिया : कुशल भारत समूह की अगुवाई में कुशल एजुकेशनल फाउंडेशन के तहत पश्चिम बंगाल के पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले पुरुलिया में विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए चर्चित दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल की शाखा खोली गई है। पुरुलिया जिला प्रशासन के महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन हुआ जिसमें मुख्य रूप से बांग्ला सिनेमा के किंवदंती नायक प्रसेनजीत चटर्जी, पुरुलिया जिला की सभाधिपति निवेदिता महतो, पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी, आद्रा संभाग के विभागीय रेल प्रबंधक सुमित नरूला तथा एसटीपीएस के मुख्य प्रबंधक अभिजीत नंदी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। सभी वक्ताओं ने एक सुर से कुशल भारत समूह द्वारा पुरुलिया जिला में किये जा रहे उन्नयन की परियोजनाओं को सराहा और कहा कि उद्यमिता का लक्ष्य समाज के पिछड़े, उपेक्षित और जरूरतमंदों को मुख्यधारा में लाना होना चाहिए। कुशल भारत समूह के कर्णधार, बीमार उद्योगों को लाभजनक इकाइयों में बदल कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित नरेश कुमार अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि पुरुलिया उनकी जन्मभूमि है इसीलिए इसका सर्वांगीण विकास उनकी प्राथमिकता है। आदिवासी समुदाय बहुल इस जिले में जनकल्याणकारी योजनाओं और औद्योगिक विकास के माध्यम से वे स्थानीय युवाओं को आगे बढ़ाने का उपक्रम करते रहे हैं। गौरतलब है कि एक समय पश्चिम बंगाल के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले पुरुलिया को विगत पच्चीस वर्षों में वैश्विक मानचित्र पर प्रतिष्ठित करने का उपक्रम करने वाले कुशल भारत समूह ने पहले औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की फिर आधुनिक उद्योगों को आमंत्रित करने के लिए सभी सुविधाओं से लैस आवासीय और व्यावसायिक परिसर का निर्माण किया। अजोध्या पहाड़ के शिखर पर कुशल पल्ली रिसोर्ट को विकसित करके पर्यटन को बढ़ावा दिया और अब दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल की स्थापना के द्वारा शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने की शुरुआत की है।

पुरुलिया की आदिवासी आबादी को उनकी संस्कृति से जोड़ने के लिए नियमित आयोजन करते रहना इस समूह की खासियत है। अजोध्या पहाड़ पर मैराथन का आयोजन करके युवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाने की पहल की गई है। इस वर्ष भी 9 मार्च को इसका आयोजन होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण हर साल किया जाता है। आदिवासियों के आदर्श भगवान बिरसा मुंडा की आवक्ष मूर्ति कुशल पल्ली में स्थापित करके समूह ने आदिवासियों को नायाब तोहफा दिया है। इस विद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के साथ बच्चों को तकनीकी प्रशिक्षण, खेलकूद एवं आधुनिक चिंतन पर विशेष जोर देने की व्यवस्था है।

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