कोलकाता : मुर्शिदाबाद में बाप-बेटे हरगोबिंद दास और चंदन दास की हत्या के मामले में बंगाल पुलिस द्वारा गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के 56 वें दिन चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें 13 लोगों के नाम का उल्लेख अभियुक्त के तौर पर किया गया है। कुल 983 पन्नों की चार्जशीट में 50 गवाहों के नाम व बयान का भी जिक्र किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अगर इस मामले में आगे कोई नयी जानकारी मिली तो एसआईटी के सदस्य इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश कर सकते हैं। इसका रास्ता खुला रखा गया है।
हत्या, मॉब लिंचिंग और हिंसा फैलाने समेत कई धाराओं का उल्लेख
एसआईटी द्वारा जमा की गयी चार्जशीट में घटना के पीछे कोई पूर्व योजना नहीं होने का उल्लेख किया गया है। जब गांव में हिंसा हो रही थी, तब पिता-पुत्र ने इसे रोकने की कोशिश की थी। इसी के बाद अगले दिन उनके घर में घुसकर शरारती तत्वों ने जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद बेरहमी से दोनों की हत्या कर दी गई। 13 लोगों के खिलाफ हत्या, मॉब लिंचिंग और हिंसा फैलाने समेत कई धाराओं का उल्लेख कर चार्जशीट दाखिल की गई है। बताया जा रहा है कि मुर्शिदाबाद में अशांति, इसके कुछ दिनों पहले लागू हुए वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में शुरू हुई थी? उस माहौल में जाफराबाद निवासी हरगोबिंद दास और चंदन दास की हत्या कर दी गई थी। पिता-पुत्र हत्याकांड में एक और पिता-पुत्र को रंगे हाथों पकड़ा गया था। एसआईटी के अधिकारियों को जांच में पता चला कि जियाउल और उसके दो बेटे भी हत्या में शामिल थे। ओडिशा में काम करने वाले कई बीड़ी मजदूर ईद के दौरान अपने गांव लौट आए थे। कथित तौर पर वे भी वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में चल रही हिंसा में शामिल हो गये थे। छुट्टी के बाद वे ओडिशा लौट गये। जांचकर्ताओं ने उन्हें भी ओडिशा जाकर वहां से गिरफ्तार किया।