रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
बजबज : शहीदगंज स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब में प्रकाश पर्व यानी श्री गुरु नानक देव की 556 वीं जयंती की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। परिसर को रंग-बिरंगी झालरों, एलईडी लाइटों, फूलों की मालाओं और निशान साहिब ध्वजों से सजाया जा रहा है। दीवारें नीले-पीले रंग की थीम से रंगी गई हैं। मुख्य द्वार पर गुरु नानक देव का विशाल चित्र लगा है। सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है और कीर्तन की धुन गूंज रही है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि प्रकाश पर्व सिखों का सबसे पवित्र त्योहार है, जो गुरु नानक देव जी के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। उन्होंने मानवता, समानता, सेवा और एकेश्वरवाद का संदेश दिया। ‘‘इस बार युवाओं-बच्चों को गुरु जी के उपदेशों से जोड़ा जा रहा है। स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए ताकि नई पीढ़ी ‘नाम जपो, किरत करो, वंड छको’ को अपनाए,’’
गुरुनानक जयंती पर श्रद्धा और सेवा का उत्सव
कार्यक्रम के अनुसार, सुबह 4 बजे अमृतवेला शुरू होगा। श्रद्धालु निशान साहिब लिए कीर्तन करते चलेंगे। मल्लिकपुर, बिरलापुर, जिंजिरा बाजार, डाकघर रोड और बेहला से लोग शामिल होंगे। नगर कीर्तन गुरुद्वारा में समाप्त होगा, जहां कीर्तन दरबार होगा। लंगर की विशेष व्यवस्था की गई। सरदार परपल सिंह ने बताया कि सुबह चाय-नाश्ते का लंगर लगेगा—चाय, पराठा, हलवा, दाल। दोपहर-शाम विशाल लंगर में दाल, सब्जी, चावल, रोटी, खीर परोसी जाएगी। सभी धर्मों के लोग शामिल होंगे, क्योंकि गुरु जी का संदेश है—‘सबना जीआ एका छांव’। सुरक्षा पुख्ता है। पुलिस-ट्रैफिक तैनात रहेगी। पार्किंग व्यवस्था की गई है। क्षेत्र में उत्साह है। दुकानों पर गुरु जी की तस्वीरें, कैलेंडर बिक रहे हैं। बच्चे तैयारियों में जुटे हैं। कमेटी ने सभी को आमंत्रित किया है कि प्रकाश पर्व में शामिल होकर आशीर्वाद लें और सेवा का संकल्प लें। गुरुनानक की जयंती को लेकर इलाके में उत्साह का माहौल है। अतिथियों का आना शुरू हो चुका है।