सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : 200 साल पहले 30 मई को हिन्दी पत्रकारिता की शुरुआत बंगाल से हुई थी। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हिन्दी पत्रकारिता की जन्मभूमि बंगाल है और हम यहां के निवासी हैं। ये बातें सन्मार्ग समूह की प्रेसिडेंट रुचिका गुप्त ने शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। वे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि लोग किसी भी भाषा में बात करें, मगर हिन्दी भाषा समाज का आईना है। भले ही दुनिया आधुनिकता की ओर तेजी से भाग रही है, मगर लोग आज भी अखबार में प्रकाशित खबर की प्रामाणिकता पर अटूट विश्वास रखते हैं। हमें हिन्दी को और ऊंचाई तक ले जाना है और हम इसके लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे। यह कार्यक्रम हिन्दी पत्रकारिता के 200 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एस.पी. सिंह फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया था। इस मौके पर प्रेस क्लब के प्रेसिडेंट स्नेहाशीष सुर, प्रत्युष घोष, एडवोकेट व लेखक समीर घोष तथा अंशुमन भारती उपस्थित थे। इस मौके पर उन लोगों ने भी हिन्दी पत्रकारिता को लेकर अपने विचार रखे। स्नेहाशीष सुर ने कहा कि हिंदी एक लिंक लैंग्वेज के तौर पर उपयोग होने लगी है। हिंदी भाषा लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का सबसे सुगम और सरल माध्यम है। हालांकि समाज के लोग भी अब इसके महत्व को समझ रहे हैं। इस मौके पर 'हिन्दी पत्रकारिता के 200 साल' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन ऋत्विक मुखर्जी ने किया।