कोलकाता : महानगर में बीआईएस के डिप्टी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर 25 लाख रुपये की ठगी करने वाले जोधपुर गैंग का पर्णश्री थाने की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के नाम नरपत सिंह, राजेन्द्र सोनी, हरीश कुमार, मनोहर, संग्राम सिंह, सूरज, दिलीप और जितेन्द्र हैं। ये सभी राजस्थान के जोधपुर के रहनेवाले हैं। डीसी बेहला राहुल दे ने बताया कि पर्णश्री थाना के ओसी सत्यप्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व में एसआई कुणाल बड़ाईक, सार्जेंट जफर इकबाल एवं महिला एसआई कृष्ण सिन्हा राय ने अभियुक्तों को न्यूटाउन, ईको पार्क और हावड़ा के गोलाबाड़ी इलाके से पकड़ा है। अभियुक्तों के पास से दो स्वाइप मशीन, 5 मोबाइल फोन सहित अन्य सामान बरामद किये गये हैं। शुक्रवार को अभियुक्तों को अदालत में पेश करने पर उन्हें 18 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार गत 23 मई को डिप्टी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी शौभिक सिकदर ने अपने साथ हुई 25 लाख की साइबर ठगी की शिकायत थाने में दर्ज करायी थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि 22 मई से पहले एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें फोन किया। जालसाज ने कहा कि उनके नाम पर एक पार्सल में नारकोटिक्स मिला है। इसके बाद जालसाजों ने उन्हें पार्क होटल के कमरे में बंद रहने को कहा और इसके बाद कई मौके पर अभियुक्तों ने 25 लाख रुपये ठग लिये। बाद में अभियुक्तों द्वारा रुपये की डिमांड बढ़ने पर व्यक्ति को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज करायी। मामले की जांच करते हुए पुलिस ने पाया कि न्यू टाउन में बैठे अभियुक्तों ने इस ठगी को अंजाम दिया है। जांच के दौरान पुलिस ने पहले न्यू टाउन और ईको पार्क थाना इलाके में छापामारी की। वहां से पुलिस ने नरपत सिंह, राजेन्द्र सोनी और हरीश कुमार को पकड़ा। अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान अपना अपराध स्वीकार किया। इसके बाद अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने गोलाबाड़ी थाना इलाके में छापामारी कर वहां से मनोहर, संग्राम सिंह, सूरज, दिलीप और जीतेन्द्र को गिरफ्तार किया। पुलिस को पता चला कि ये लोग राजस्थान के जोधपुर से कोलकाता आकर ठगी का कारोबार कर रहे थे। पहले ये लोग न्यू टाउन में किराये के कमरे में रहकर ठगी करते थे। बाद में ये लोग दो टीमों में बंट गये और फिर हावड़ा से भी गिरोह को ऑपरेट करने लगे। फिलहाल पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में पता लगा रही है।