कोलकाता सिटी

युवा क्रिकेटर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत, परिजनों और पुलिस में हुई धक्का-मुक्की

परिजनों का आरोप- पुलिस ने समय पर नहीं दर्ज की शिकायत

आरोप-युवक को नशीला पदार्थ खिलाकर की गयी लूट

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : रविवार को एसएसकेएम अस्पताल में एक युवा क्रिकेटर की रहस्यमय परिस्थ‌ितियों में मौत। रविवार दोपहर को हुई इस घटना को लेकर अस्पताल परिसर में तनाव फैल गया। कथित तौर पर, किशोर शनिवार सुबह से लापता था। अंतत रविवार को वह मिल गया। अंततः अस्पताल ने दावा किया कि मौत फुड पॉयजनिंग के कारण हुई थी। रिश्तेदारों ने अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि परिवार को सूचित किए बिना शव को मुर्दाघर ले जाया जा रहा है। उनकी पुलिस के साथ भी हाथापाई हुई। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोलकाता और उत्तर 24 परगना के पांच पुलिस स्टेशनों के पुलिसकर्मियों ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया और उसे खोजने का प्रयास नहीं किया। पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया और मौत का सही कारण जानने के लिए उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

क्या है पूरा मामला

परिजनों के अनुसार, शनिवार को होनहार क्रिकेटर देव घोष (20) रवींद्र सरोबर में एक क्रिकेट टूर्नामेंट में एक क्लब के लिए खेलने के लिए हासनाबाद स्थित अपने घर से निकला था। युवक की मां मीना घोष ने कहा, 'वह सुबह 6 बजे घर से निकला था और 7.30 बजे तक वह साइंस सिटी पहुँच गया था और आखिरी बार उसने अपने पिता से बात की थी। लेकिन उसके बाद उसका फोन बंद हो गया। हमने उसके सभी दोस्तों को फोन किया, लेकिन वे भी हमें कोई जानकारी नहीं दे पाए। फिर हम स्थानीय हसनाबाद पुलिस स्टेशन गए, जिन्होंने हमें कोलकाता में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा। हमने केएलसी और प्रगति मैदान पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन वहाँ भी कोई हमारी शिकायत लेने के लिए तैयार नहीं हुआ और हमें 24 घंटे तक इंतज़ार करने के लिए कहा'। उन्होंने आरोप लगाया कि रविवार को सुबह 7 बजे के आसपास उन्हें मीनाखां ग्रामीण अस्पताल से एक फ़ोन आया और बताया गया कि उनके बेटे को वहाँ भर्ती कराया गया है। पिता उज्ज्वल घोष ने कहा, 'हम अस्पताल पहुँचे और अपने बेटे को बहुत ज़्यादा नींद में पाया। उसने हमें बताया कि साइंस सिटी में बस से उतरने के बाद कुछ लोगों ने उसे जबरन उठा लिया, जहाँ उसे नशीला पेय पिलाया गया और फिर उसका पर्स और सेलफ़ोन छीन लिया गया'। परिवार ने बताया कि बाद में किसी तरह उसे होश आया और वह बस में सवार हुआ, लेकिन फिर वह बेहोश हो गया। संभवत: कुछ बस यात्रियों ने उसे मीनाखां अस्पताल में भर्ती कराया।

मीना ने बताया, 'जब हम उसे मीनाखां अस्पताल में लेकर गए तो उसने कहा कि उसके पेट में दर्द है और उसे ड्रिप लगी हुई है। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे एसएसकेएम अस्पताल ले जाने की सलाह दी। एसएसकेएम अस्पताल जाते समय उसने हमें अपनी आपबीती बताई, लेकिन उसे सांस लेने में तकलीफ और पेट में दर्द की शिकायत थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने कहा कि उसे संभवतः जहर से जुड़ी कोई समस्या है और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट और ड्रिप लगानी पड़ी। कुछ समय बाद हमें पता चला कि वह मर चुका है। किसी ने हमें स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि उसकी मौत कैसे हुई और उसके साथ क्या हुआ था।' परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि लड़के की मौत के बाद पुलिस परिवार को बताए बिना उसके शव को मॉर्ग ले जा रही थी। इस पर परिवार के सदस्यों ने पुलिस को घेर लिया और विरोध करना शुरू कर दिया। पुलिस के साथ हाथापाई के दौरान मृतक लड़के की दादी की उंगली में चोट लग गई। परिवार ने पुलिस के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। हालांकि पुलिस ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वे मौत का कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा रहे हैं। लापता होने की रिपोर्ट दर्ज न कराने के परिवार के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे तुरंत इस मामले की जांच करेंगे।

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