सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी गंभीर लापरवाहियों के आरोप लगाए हैं। एनएमसी ने एनआरएस पर आठ अलग-अलग बिंदुओं में व्यापक अनियमितता के आरोप लगाए हैं। यदि कॉलेज प्रबंधन संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहता है, तो उसे 8 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। आयोग ने एनआरएस को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। एनएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, कॉलेज के 20 विभागों में से 18 विभागों में शिक्षक-चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति नहीं पाई गई है। इसके अलावा, परीक्षा हॉल में नकल करने और अनुशासनहीनता का मामला भी उजागर हुआ है। आयोग द्वारा उल्लिखित एक वीडियो में, 1 अगस्त 2024 को परीक्षा हॉल (रूम नं. 8) में परीक्षार्थियों को खुलेआम बातचीत करते और बाहरी लोगों को बेरोकटोक प्रवेश करते देखा गया है।
क्या हैं मुख्य आरोप?
. शिक्षकों की अनुपस्थिति: कॉलेज के 20 में से 18 विभागों में शिक्षक-चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति नहीं है।
. परीक्षा में नकल: परीक्षा हॉल का वीडियो सामने आया है, जिसमें छात्र खुलेआम नकल करते और बाहरी लोग अंदर आते दिख रहे हैं।
रिक्त पद: एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलॉजी और फॉरेंसिक मेडिसिन जैसे विभागों में सीनियर रेजिडेंट के पद खाली हैं, जबकि पीजी कर चुके उम्मीदवारों को अब तक नियुक्त नहीं किया गया है।
.रोगी भर्ती में कमी: अस्पताल में सिर्फ 73 प्रतिशत बेड का उपयोग हो रहा है, जो अपेक्षाकृत कम है।
मृत्यु संबंधी डेटा अपलोड नहीं: भर्ती और मृत्यु से जुड़ा डेटा समुचित रूप से अपलोड नहीं किया जा रहा है।
. बेड उपयोग से संबंधित सूचनाएं अधूरी: बेड के उपयोग से जुड़ी रिपोर्टिंग भी अपर्याप्त पाई गई है।
साइटोपैथोलॉजी रिकॉर्डिंग त्रुटिपूर्ण: इस विभाग में रिपोर्टिंग और रिकॉर्डिंग दोनों में खामियां हैं।
कैडावर और ऑपरेशन आंकड़े स्पष्ट नहीं: शव परीक्षण और ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी भी अधूरी या अप्रामाणिक पाई गई है।
एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि यदि कॉलेज द्वारा भेजे गए उत्तर असंतोषजनक पाए जाते हैं, तो 8 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस बीच, शिक्षक-चिकित्सकों की उपस्थिति को लेकर एक सख्त नोटिस भी कॉलेज को भेजी गयी है।