कोलकाता सिटी

परवीन सुल्ताना-चौरसिया-अमिया रंजन संग कोलकाता की सर्दी और भी सुरमयी

महान उस्तादों संग शास्त्रीय संगीत महोत्सव की धूम

प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए कोलकाता इस वर्ष एक तीर्थस्थल बन गया है—जहां बेगम परवीन सुल्ताना की गायकी की ऊँचाई, हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी की माधुर्य, और पंडित अमिया रंजन बंद्योपाध्याय जैसे वरिष्ठ गुरुओं की उपस्थिति इस सर्दी को अविस्मरणीय बनाने वाली है। दिसंबर से जनवरी 2026 तक इस सर्द मौसम में कोलकाता सिर्फ ठंडी हवा नहीं, बल्कि सुर, ताल और रागों की गर्माहट महसूस करेगा—एक ऐसा सांगीतिक उत्सव जिसके लिए देशभर के सूर रसिकों की नजरें टिकी होंगी।

सबसे पहले शुरुआत होगी ITC संगीत सम्मेलन 2025 से, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम है। 5-7 दिसंबर तीन दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में पातियाला घराने से पद्मभूषण विदुषी परवीन सुल्ताना, ग्वालियर घराने से ध्रुपद के प्रतिनिधि कलाकार पंडित उल्हास कौशलकर, शास्त्रीय गायन के दिग्गज पंडित अजय चक्रवर्ती, पंडित ओंकार दादड़कर और सुरों से भरी रातें रचने वाले अनेक वरिष्ठ एवं युवा कलाकार मंच पर नजर आएंगे।

इसी क्रम में 12 जनवरी 'विवेक दिवस' के अवसर पर रामकृष्ण मिशन इन्स्टिट्यूट ऑफ कल्चर, गोलपार्क द्वारा आयोजित ‘विवेकानंद म्यूज़िक फेस्टिवल 2026’ में एक सांगीतिक सौगात लेकर आएगा। यहां बांसुरी के वरिष्ठ जादूगर पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, सरोद वादन में उस्ताद अमजद आली खान के सुपुत्र आमान और आयान आली बंगाश के युगल बादन के साथ शहनाई–सितार युगल, कथक नृत्य की ताल, बांसुरी की शांति और शाम की सरस्वती वीणा–वायलिन जुगलबंदी जैसे कई अनोखे कार्यक्रम होंगे।

इसके साथ 11-14 जनवरी को बेहाला क्लासिकल फेस्टिवल और उससे पहले 9 दिसंबर को 125वीं वर्ष मनाते हुए भवानीपुर संगीत सम्मिलनी भी इस मौसम को और अधिक समृद्ध बना रहे हैं। इन मंचों पर तबला, सितार, सरोद, गायन और नृत्य—हर विधा के श्रेष्ठ कलाकार उपस्थित रहेंगे। खास बात यह है कि इस मंच पर विष्णूपुर घराना से करीव सौ साल उमर की वरिष्ठ दिग्गज पंडित अमिया रंजन बंद्योपाध्याय की खयाल का ऐतिहासिक विरासत और युवा प्रतिभाओं का संतुलित मिश्रण इन आयोजनों को और भी जीवंत बनाने वाला है।

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