कोलकाता सिटी

बजट 2025: कोलकाता के उद्योगपतियों ने रखी रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर और इस्पात उद्योग पर उम्मीदें

ग्रीन एनर्जी और कृषि क्षेत्र में विशेष राहत की उम्मीद

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता :
एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से देशवासियों को कई राहतें मिलने की उम्मीदें हैं। इस बीच कोलकाता के उद्योगपतियों ने भी कई उम्मीदें लगायी हैं। आइये देखते हैं, किसने क्या कहा :-

ललित बेरीवाला

ललित बेरीवाला, श्याम स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड के डायरेक्टर
हमारी अपेक्षा है कि 2025-2026 वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री बजट प्रस्तुत करते समय निम्नलिखित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करें :
रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने और कच्चे माल जैसे लोहे का अयस्क, मैंगनीज आदि के परिवहन में हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए बजट आवंटन में पर्याप्त वृद्धि की जाए, खासकर रेक्स की उपलब्धता में सुधार किया जाए ताकि कच्चे माल को कारखानों तक और तैयार माल को अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके। देशी इस्पात उद्योग को बचाने और 2029-30 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए लौह अयस्क के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि यह घरेलू इस्पात उद्योग के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सके। जनरल पर्पस वैगन निवेश योजना (जीपीडब्ल्यूआईएस) पर वर्तमान में लगे स्थगनादेश को वापस लिया जाए, ताकि निजी निवेशकों को जनरल पर्पस वैगन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और उनके व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

डॉ. सीएस, एडवोकेट ममता बिनानी

(डॉ.) सीएस, एडवोकेट ममता बिनानी, आईसीएसआई की पूर्व प्रेसिडेंट व एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम वेस्ट बंगाल की प्रेसिडेंट
आगामी बजट में परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और मजबूती मिलने की संभावना है। इस बार सरकार ने ग्रीन एनर्जी पर विशेष जोर देने का संकेत दिया है, जिससे सस्टेनेबल इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। इस बजट में कृषि क्षेत्र को भी प्राथमिकता दी जा रही है, क्योंकि यह देश की 45% आबादी को रोजगार प्रदान करता है। सरकार की कोशिश रहेगी कि किसान कल्याण और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लाई जाएं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए इस बार बजट में विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है। घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी उत्पादन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर जोर दिया जा सकता है। रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मजबूत बनाने के लिए रुपये को ग्लोबल मार्केट में स्थापित करने की दिशा में कदम उठाये जा सकते हैं।

सर्वेश कुमार जैन

सर्वेश कुमार जैन, डायरेक्टर, पाटनी फिनां​शियल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड : हमें आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं। इनमें पूंजी बाजार सुधार क्षेत्र में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने, पूंजीगत लाभ कराधान को सरल बनाने और निवेश को सुगम बनाने के लिए नई नीतियां लानी चाहिए। वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे, रक्षा और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए अधिक आवंटन करना चाहिए जिससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास को गति मिलेगी। कर राहत के लिए आयकर स्लैब को तर्कसंगत बनाना और कॉरपोरेट टैक्स में छूट देना चाहिए, जिससे उपभोग और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। उद्यमिता और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए आसान ऋण उपलब्धता और प्रोत्साहन की जरुरत है। टैरिफ अनिश्चितताओं का सामना करने और भारत की वैश्विक व्यापार स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक उपाय की जरूरत है।

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