कोलकाता सिटी

Kolkata Yellow Taxi: कोलकाता की पीली टैक्सियों में सफर करते हैं? तो ये खबर तुरंत पढ़ें….

कोलकाता: कोलकाता की ऐतिहासिक पीली टैक्सियां, जो दशकों से शहर की पहचान रही हैं, अब धीरे-धीरे सड़कों से गायब हो रही हैं। इस साल, 15 साल की सेवा सीमा को पार करने के कारण लगभग 4,500 पीली टैक्सियां सेवा से बाहर हो जाएंगी। राज्य परिवहन विभाग के अनुसार, कोलकाता में साल 2024 की शुरुआत में 7,000 पीली मीटर टैक्सियों का संचालन हो रहा था, जिनमें से 64% टैक्सियां इस साल सेवा समाप्ति के दायरे में आ जाएंगी।

बंगाल की पहचान हुआ करती थी

कोलकाता की पीली टैक्सियां, जो कभी शहर में एकमात्र कैब विकल्प थीं, 1962 में हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर कारों से शुरू की गईं। इन्हें 'सड़कों का राजा' कहा जाता था। लेकिन 2015 में ऐप आधारित कैब सेवाओं के आने के बाद से इनकी लोकप्रियता कम होने लगी। 15 साल की सेवा सीमा के बाद इन टैक्सियों का परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्र नवीनीकरण नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, लगभग 2,500 और टैक्सियां, जो मुख्यतः डी और ई सीरीज की एंबेसडर कारें हैं, अगले साल सेवा से बाहर हो जाएंगी। इस प्रक्रिया के बाद कोलकाता में पीली टैक्सियों की संख्या घटकर 3,000 से भी कम रह जाएगी।

क्या है कारण?

पश्चिम बंगाल टैक्सी एसोसिएशन के संयुक्त सचिव संजीब रॉय ने बताया कि नई BS-VI मानकों वाली टैक्सियां खरीदने में भारी लागत (₹8 लाख से अधिक) आ रही है। इसके साथ ही, बढ़ते ऑपरेशन खर्च और किराए में संशोधन की कमी से कई टैक्सी चालकों के लिए यह पेशा टिकाऊ नहीं रह गया है। बैंक से कर्ज प्राप्त करने में भी चालकों को कठिनाई हो रही है, क्योंकि डिफॉल्ट रेट अधिक है। कोलकाता में टैक्सी उद्योग की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब किराया प्रति मील 8 आने था। 1962 में पीली और काली टैक्सियां लॉन्च की गईं, जिन्होंने अपनी मजबूती और विशिष्ट पहचान के कारण 'सड़कों के राजा' का दर्जा पाया। कोविड महामारी और लॉकडाउन के बाद यह संकट और बढ़ गया। एक अध्ययन के मुताबिक, 2020 में कोलकाता में करीब 18,000 पीली टैक्सियां थीं, लेकिन धीरे-धीरे एंबेसडर कारों के फेज-आउट और वित्तीय संकट ने इस उद्योग को गहरी चुनौतियों में डाल दिया। शहर की पहचान के रूप में जानी जाने वाली ये पीली टैक्सियां अब इतिहास का हिस्सा बनती जा रही हैं, और कोलकाता के परिवहन परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।

…रिया सिंह

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