कोलकाता : कोलकाता नगर निगम की कंस्ट्रक्शन वेस्ट यूनिट इन दिनों एक नयी परेशानी से जूझ रही है। शहर में निर्माण और मरम्मत कार्य तेजी से हो रहे हैं, लेकिन केएमसी को पर्याप्त मात्रा में निर्माण कचरा नहीं मिल रहा है। यह स्थिति केएमसी की निर्माण कचरा यूनिट को प्रभावित कर रही है। केएमसी अधिकारियों का कहना है कि बिल्डरों, ठेकेदारों और मकान मालिकों द्वारा निर्माण कचरे को या तो निजी स्तर पर हटा लिया जा रहा है या उसे अनधिकृत स्थानों पर फेंका जा रहा है। इससे न सिर्फ पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न हो रही है, बल्कि निगम की योजना के तहत बनने वाले प्रोसेसिंग और रीसाइक्लिंग के कार्य भी बाधित हो रहे हैं। केएमसी की कंस्ट्रक्शन वेस्ट यूनिट ने शहर भर से निर्माण कचरा इकट्ठा कर उसे वैज्ञानिक ढंग से निपटाने और उपयोग में लाने की योजना बनाई थी लेकिन अपेक्षित मात्रा में कचरा नहीं मिलने से यह प्रक्रिया रुक सी गई है। इस स्थिति को सुधारने के लिए निगम ने विभिन्न विभागों की आपात बैठकें शुरू कर दी हैं। केएमसी विचार कर रहा है कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले सभी बिल्डरों को निगम के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया जाए और कार्य के दौरान पैदा होने वाले कचरे की मात्रा और निपटान का पूरा विवरण पहले से देना होगा। केएमसी यह भी योजना बना रहा है कि अगर कोई ठेकेदार या व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाए। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने की भी योजना पर विचार किया जा रहा है ताकि वे निगम के साथ सहयोग करें और निर्माण कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान सुनिश्चित हो सके।