सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कैब लेना अब यात्रियों के लिए एक मुश्किल और तनावपूर्ण अनुभव बन गया है। यात्रियों का कहना है कि ऐप-आधारित कैब सेवाओं में बार-बार कैंसिलेशन, अचानक बढ़े हुए किराए और ड्राइवरों द्वारा ऑफलाइन भुगतान की मांग जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
यात्रियों ने यह कहा
बागडाेगरा से कोलकाता लौटे कौशिक मित्रा ने बताया कि फेस्टिव सीजन में एयरपोर्ट पर टैक्सी या कार बुक करना काफी कठिन काम है। सुबह की फ्लाइट के लिए उन्होंने रात में ही कैब बुक की। ड्राइवर ने जानबूझकर लंबा रास्ता लिया और किराया काफी अधिक बढ़ गया। आईटी प्रोफेशनल अभिषेक पोद्दार ने कहा, रात में एयरपोर्ट से टैक्सी लेना बहुत कठिन होता है। कई ड्राइवर मीटर से जाने से मना कर देते हैं और दोगुना किराया मांगते हैं। वे कहते हैं, “आधी रात के बाद अक्सर 1000-1500 रुपये मांगे जाते हैं।” कुछ ड्राइवर ऐप पर दिखाए किराए से 50-100 रुपये अतिरिक्त मांगते हैं, जो बिल में नहीं जुड़ता।
एयरलाइंस कर्मी भी हैं परेशान
एयरलाइंस कर्मी ने बताया कि शुक्रवार को एयरपोर्ट पर 20-30 मिनट इंतजार करना पड़ा, क्योंकि कई ड्राइवर दोगुना किराया लेकर ऑफलाइन जाने को कह रहे थे। अंततः उन्होंने बस से यात्रा करना सही समझा। एक ग्राउंड स्टॉफ ने कहा कि जितनी सैलरी नहीं है, उतना आने जाने में खर्च हो जाता है। ओला और उबर दोनों ऐप्स पर राइड मिलने के बावजूद ड्राइवर या तो कैंसिल कर देते थे या अतिरिक्त पैसे मांगते थे। अंततः उन्हें बस का सहारा लेना पड़ता है। कई बार जल्दी में होने के बावजूद वे टैक्सी नहीं कर पाते। यात्रियों का कहना है कि रात के समय एयरपोर्ट से कैब मिलना असुरक्षित और महंगा होता जा रहा है। सभी ने प्रशासन से सख्त निगरानी और किराया नियंत्रण लागू करने की मांग की है ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।