कोलकाता सिटी

केएमआरसीएल को अगले साल तक क्षतिग्रस्त मकानों का निर्माण करने का निर्देश

हर तीन महीने में मेयर को सौंपनी होगी प्रोग्रेस रिपोर्ट

कोलकाता : बहूबाजार के दुर्गा पितुरी लेन और शाकरा पाड़ा लेन में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के दौरान ध्वस्त और क्षतिग्रस्त हुए मकानों के पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य को लेकर कोलकाता नगर निगम ने कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) को अगले साल अक्टूबर तक कार्य पूरा करने की समय सीमा दी है। सोमवार को केएमसी मुख्यालय में केएमआरसीएल के अधिकारियों के साथ इस विषय पर एक बैठक आयोजित की गई। मेयर पिरहाद हकीम की अध्यक्षता में हुई बैठक में केएमआरसीएल के महाप्रबंधक (प्रशासनिक विभाग) ए के नंदी, स्थानीय विधायक नयना बंद्योपाध्याय और स्थानीय पार्षद विश्वरूप दे और बहूबाजार के स्थानीय निवासी उपस्थित थे। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि आगामी दो महीनों में बहूबाजार इलाके से टनल बोरिंग मशीन को बाहर निकाल लिया जाएगा।

सड़क की मरम्मत के बाद केएमआरसीएल दुर्गा पितुरी लेन और शाकरा पाड़ा लेन में क्षतिग्रस्त मकानों का मरम्मत कार्य शुरू करेगा। मेयर ने बताया कि इलाके के करीब 24 मकानों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए अक्टूबर 2026 की समयसीमा तय की गई है। केएमआरसीएल को निर्देश दिया गया है कि हर मकान के लिए अलग-अलग टीम गठित की जाए, ताकि मकान के निर्माण के साथ ही केएमसी ड्रेनेज, जलापूर्ति और अन्य निकाय कार्य पूरा कर सके। मेयर ने बताया कि मकानों के निर्माण के लिए नियुक्त निजी कंपनियों को हर तीन महीने में केएमसी को प्रोग्रेस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। केएमसी के अधिकारी समय-समय पर निर्माण कार्य की समीक्षा भी करेंगे। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद जादवपुर विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की एक विशेष टीम आगामी 10 वर्षों तक इन मकानों का हेल्थ ऑब्जर्वेशन करेगी।

हालांकि, केएमआरसीएल ने यह आश्वासन भी दिया है कि यदि तीन वर्षों के भीतर किसी मकान को दोबारा क्षति पहुंचती है, तो उसके पुनर्निर्माण का खर्च वह स्वयं वहन करेगा। मेयर ने बताया कि संस्थान ने 10 वर्षों तक हेल्थ ऑब्जर्वेशन कराने पर सहमति व्यक्त की है। स्थानीय पार्षद विश्वरूप दे ने बताया कि बैठक के दौरान केएमआरसीएल ने मकानों के निर्माण कार्य को 2027 तक पूरा करने की मांग की थी, लेकिन मेयर ने उन्हें अगले वर्ष तक की समय सीमा दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में हुई इस घटना के बाद अब भी करीब दो दर्जन परिवारों को उनका घर वापस नहीं मिला है। छह वर्ष बीत जाने के बाद भी केएमआरसीएल ने मकानों का पुनर्निर्माण नहीं किया है।

SCROLL FOR NEXT