कोलकाता सिटी

अनाथ बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र देने पर विचार कर रहा है KMC

डिप्टी मेयर अतिन घोष ने कहा कि अगर कोई डॉक्टर प्रमाणित कर दे कि बच्चे सड़क पर मिले थे, तो केएमसी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।

कोलकाता : कोलकाता नगर निगम (केएमसी) अब अनाथ बच्चों को भी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने की दिशा में कदम बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। बुधवार को केएमसी के मासिक अधिवेशन में वार्ड 48 के पार्षद विश्वरूप डे ने यह मुद्दा उठाया। विश्वरूप डे जो एक अनाथालय भी चलाते हैं, ने बताया कि उनके अनाथालय के दो बच्चे हाल ही में 18 वर्ष के हो गये हैं, जिन्हें जन्म प्रमाणपत्र की सख्त जरूरत है।

वे पिछले तीन साल से इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। जवाब में डिप्टी मेयर अतिन घोष ने कहा कि अगर कोई डॉक्टर प्रमाणित कर दे कि बच्चे सड़क पर मिले थे, तो केएमसी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। हालांकि, विश्वरूप डे ने आशंका जतायी कि कोई डॉक्टर इतनी बड़ी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होगा। केएमसी सूत्रों के अनुसार जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अनुसार जन्म प्रमाणपत्र केवल उसी स्थानीय निकाय से जारी हो सकता है जिसके क्षेत्र में बच्चे का जन्म हुआ हो। जब जन्मस्थान अज्ञात हो तो प्रमाणपत्र जारी करना कानूनी रूप से बेहद जटिल है। इस मामले में कानूनी राय लेना जरूरी होगा।

नियमित पंजीकरण की प्रक्रिया

नियमित मामलों में जन्म की सूचना 21 दिनों के भीतर दर्ज होने पर केएमसी के बोरो एग्जिक्यूटिव हेल्थ ऑफिसर द्वारा आम तौर पर चार सप्ताह के भीतर जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है। यह व्यवस्था उन निजी अस्पतालों या नर्सिंग होमों पर लागू होती है जो राज्य सरकार के जन्मा मृत्यु तथ्य पोर्टल से जुड़े नहीं हैं।

घरेलू जन्म की रिपोर्टिंग

घरेलू जन्म की स्थिति में परिवार के मुखिया को एक महीने के भीतर और अधिकतम एक वर्ष के अंदर वार्ड हेल्थ यूनिट को रिपोर्ट करनी होती है। इसके साथ डॉक्टर, दाई या आशा कार्मी द्वारा जारी मेडिकल प्रमाणपत्र संलग्न करना अनिवार्य है। ऐसे मामलों में जन्मस्थान और तथ्यों की स्थानीय जांच के बाद प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

यदि घरेलू जन्म की सूचना एक वर्ष के भीतर नहीं दी गयी है, तो जन्म प्रमाणपत्र ‘विलंबित पंजीकरण’ की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में कार्यपालिका मजिस्ट्रेट या प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आदेश पर प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। पांच वर्ष तक की देरी के मामलों में बोरो एग्जिक्यूटिव हेल्थ ऑफिसर प्रमाणपत्र जारी करते हैं। पांच वर्ष से अधिक पुराने मामलों में केएमसी के केंद्रीय कार्यालय स्थित स्वास्थ्य विभाग इस प्रक्रिया को पूरा करता है।

केएमसी के मौजूदा नियमों की जानकारी

केएमसी के मौजूदा नियमों के अनुसार यदि किसी बच्चे का जन्म पंजीकृत नहीं हुआ है, तो आवेदनकर्ताओं को सबसे पहले केएमसी के केंद्रीय कार्यालय स्थित स्वास्थ्य विभाग से नॉन-अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। यह प्रमाणपत्र तभी जारी होता है जब आवेदक ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करे जिनसे यह साबित हो सके कि बच्चे के जन्म के समय उसके माता-पिता कोलकाता के निवासी थे।

इसके अलावा, आधार, मतदाता पहचान पत्र, खाद्य साथी कार्ड, पैन, पासपोर्ट या शैक्षणिक प्रमाणपत्र जैसे सहायक दस्तावेज भी संबंध स्थापित करने के लिए आवश्यक होते हैं। इसके बाद जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय संबंधित रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार की संतुष्टि पर निर्भर करता है।

SCROLL FOR NEXT