कोलकाता सिटी

पोस्ता के सरकारी बैंक से चेक चोरी कर व्यवसायी को लगाया 14 लाख का चूना

जोड़ाबागान थाना इलाके की घटना

कोलकाता : महानगर में एक बैंक के अंदर से चेक चुरा लिया गया। बाद में जालसाजों ने चोरी किए गए चेक में जालसाजी करके 14 लाख रुपये हड़प लिये। घटना उत्तर कोलकाता के जोड़ाबागान थाना की है। पुलिस अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद जालसाज युवक की पहचान की। पुलिस ने उसे धर्मतला इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस घटना में सरकारी बैंक की पोस्ता शाखा के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार युवक का नाम मोहम्मद जुबैर है। वह अम्हर्स्ट स्ट्रीट के राजाबाजार इलाके का रहनेवाला है। रविवार को अभियुक्त को अदालत में पेश करने पर उसे 19 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार एक महीने पहले जोड़ाबागान इलाके के एक व्यवसायी ने सरकारी बैंक की पोस्ता शाखा में गये थे। उन्होंने आरटीजीएस फॉर्म भरा और इसके बाद उन्होंने एक अन्य व्यवसायी के नाम पर 14 लाख रुपये का चेक जमा कर दिया। इसी बीच आरोपी युवक बैंक में घुस आया। शिकायत करते हुए वह चेक बॉक्स के पास से चला जाता है। उसने कुछ देर पहले व्यवसायी द्वारा जमा किये गये आरटीजीएस फार्म और चेक चुरा लिया। इसके बाद जालसाज ने बैंक के कर्मी से नया आरटीजीएस फॉर्म लिया । इसके बाद उसनेे फॉर्म भरा, चेक पर बैंक अकाउंट वाले स्थान को काट दिया, तथा अपने एक मित्र का बैंक अकाउंट नंबर और नाम भर दिया। वह फॉर्म पर प्रेषक के जाली हस्ताक्षर भी करता है। 14 लाख रुपये आरोपी के दोस्त के बैंक अकाउंट में चला गया। कथित तौर पर आरोपी जुबेर ने रुपये निकाल लिए। इस बीच, जब व्यवसायी के बैंक अकाउंट में रुपये जमा नहीं हुआ तो वे इसकी जानकारी लेने बैंक गए। आप देखिए, इस तरह चेक और आरटीजीएस फॉर्म में जालसाजी करके धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जुबेर की तस्वीर बैंक के सीसीटीवी में कैद हो गई। पुलिस को पता चला कि आरोपी पहले भी उस बैंक में आ चुका था। इसके अलावा, पुलिस को पता चला कि उसके कुछ बैंक कर्मचारियों के साथ संबंध थे। उस सूत्र के आधार पर पता चला है कि जुबेर का घर उत्तर कोलकाता के अम्हर्स्ट स्ट्रीट के राजाबाजार इलाके का रहनेवाला है। हालाँकि, वह घर पर नहीं मिला। इसके बाद जोड़ाबागान थाने के पुलिस अधिकारियों ने उसके मोबाइल फोन के आधार पर उसे धर्मतल्ला से गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि बैंक अधिकारियों ने जाली चेक होने के बावजूद उसे किसी और के खाते में कैसे जमा कर दिया। पुलिस ने यह भी कहा कि सवाल यह भी उठाया गया है कि जब बैंक से चेक और आरटीजीएस फार्म चोरी हुए तो किसी बैंक कर्मचारी या सुरक्षा गार्ड को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई।

SCROLL FOR NEXT