सन्मार्ग संवाददाता
जलपाईगुड़ी : जलदापाड़ा वन्यजीव अभयारण्य का एक गैंडा, जो हाल ही में तोरसा नदी में आई बाढ़ के दौरान बहकर कूचबिहार के पुंडीबाड़ी इलाके में पहुंच गया था, को शुक्रवार को वन विभाग की टीमों ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया। यह दुर्लभ रेस्क्यू ऑपरेशन पशु प्रेमियों के लिए राहत की खबर है।
5 अक्टूबर को आई बाढ़ के दौरान यह गैंडा लगभग 25 किलोमीटर दूर बहकर पुंडीबाड़ी पहुंच गया था। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें गैंडे को खेतों और बस्तियों के पास भटकते देखा गया था। वीडियो सामने आने के बाद वन विभाग की टीम तुरंत हरकत में आई और जलदापाड़ा और कूचबिहार वन विभाग की कई टीमों को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया।
गैंडा थका हुआ और भ्रमित नजर आ रहा था, और जैसे-जैसे वह मानव बस्तियों के करीब जा रहा था, वन विभाग को मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका बढ़ने लगी। ऐसे में सात कुंकी (प्रशिक्षित) हाथियों को बुलाया गया ताकि गैंडे को धीरे-धीरे उत्तर दिशा में, यानी जंगल की ओर, वापस ले जाया जा सके।
जलदापाड़ा के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) प्रवीण कसवान ने बताया, "गैंडा काफी थका हुआ था और जंगल से काफी दूर चला गया था, ऐसे में उसे शांत (tranquilise) करना जरूरी था। शुक्रवार सुबह पुंडीबाड़ी में हमने विशेषज्ञों की देखरेख में उसे ट्रैंक्विलाइज़ किया, सुरक्षित रूप से उठाया और फिर ट्रांसपोर्ट कर जंगल में छोड़ा गया।"
उन्होंने आगे कहा कि इस ऑपरेशन में पशु चिकित्सकों, वन अधिकारियों और प्रशिक्षित हाथियों की टीम ने समन्वय के साथ काम किया और इस पूरी प्रक्रिया को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।
गैंडे की सफल वापसी ने न केवल स्थानीय निवासियों को राहत दी है, बल्कि यह भी साबित किया है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से वन्यजीव संरक्षण के प्रति गंभीरता बरकरार है।