नेहा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शादी का सीजन चल रहा है, लेकिन कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अब किसी शादी के 'मंडप' जैसा लग रहा है। प्लास्टिक की कुर्सियों पर बैठे यात्री, ढेरों बैग और लंबी कतारें, सब कुछ ऐसा कि लगता है जैसे बारात रुक गई हो। पर यह नजारा शादी का नहीं, बल्कि इंडिगो की उड़ानों के लगातार रद्द होने का परिणाम है। यात्रियों का कहना है कि कई बार उन्हें नोटिफिकेशन मिलने से पहले ही एयरपोर्ट पहुंचना पड़ता है। लगातार देरी और रद्दीकरण के चलते लोग घंटों इंतजार में फंसे रहते हैं। इतनी भीड़ के लिए एयरपोर्ट ने प्लास्टिक की कुर्सियां लगाई हैं और लंबा इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार 10000 यात्रियों को वेज मील, बिरयानी, इडली और वडा परोसा गया। सोशल मीडिया पर भी यात्रियों की परेशानियों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। कोलकाता के अलावा देश के हर हिस्से में यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। कहीं एक पिता अपनी बेटी के लिए सैनिटरी पैड मांगता है, लेकिन ग्राउंड स्टाफ मना कर देता है। वहीं गायक राहुल वैद्य ने बताया कि उन्हें गोवा से मुंबई की उड़ान में 4.20 लाख रुपये खर्च करने पड़े। अन्य वीडियो में महिला यात्री उड़ान रद्द होने के दर्द में रोती दिख रही हैं। इंडिगो का यह संकट अब यात्रियों के धैर्य की परीक्षा बन गया है। एयरपोर्ट पर खड़े लोग, लंबी कतारें, भोजन की अव्यवस्था सब मिलकर यह दर्शाते हैं कि इंडिगो की उड़ानें अब “उड़ें नहीं, ठहरें और सोचें” वाली सर्विस बन चुकी हैं।
कोलकाता और देश के अन्य एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि इंडिगो एयरलाइंस ने पिछले कुछ दिनों में हजारों उड़ानें रद्द कर दी हैं। यात्रियों को केवल टिकट रिफंड दिया जा रहा है, जबकि अतिरिक्त खर्च और मानसिक परेशानी की कोई क्षतिपूर्ति नहीं मिल रही है। यात्रियों का कहना है कि एयरलाइंस बार-बार उड़ानों के समय बदलती हैं, जिससे लोग चेक-इन कर जाते हैं, लेकिन ऑपरेशन विभाग की स्थिति स्पष्ट नहीं होती। इससे यात्रियों को भ्रम होता है और एयरलाइंस जिम्मेदारी से बच जाती है। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी सदस्य अनिल पंजाबी ने कहा कि Travel Agents Federation of India (TAFI) ने DGCA को पत्र लिखकर कहा कि सभी एयरलाइंस के लिए राष्ट्रीय नीति और SOP बनाई जानी चाहिए, जिससे रद्द या देरी वाली उड़ानों में यात्रियों की सुरक्षा और क्षतिपूर्ति सुनिश्चित हो सके। TAFI ने यह भी कहा कि एयरपोर्ट से निकलने और बैगेज वापस पाने के लिए स्पष्ट प्रक्रिया बनाई जानी चाहिए।