कोलकाता : वे दो भाई पहले बाइक या स्कूटी चुराते थे। चोरी की स्कूटी से विभिन्न इलाकों में मकानों की रेकी करते थे और मौका मिलते ही खाली पड़े मकान से लाखों का आभूषण और सामान चोरी कर फरार हो जाते थे। यही नहीं नहीं चोरी करते वक्त ये लोग अपनी पुरानी बाइक को घटनास्थल पर छोड़कर नयी बाइक व स्कूटी चोरी कर उसकी मदद से भाग जाते थे। इसके बाद चुराये गये सामानों को बेचकर वे लोग अपने लिए मादक पदार्थ खरीदते थे। हरिदेवपुर इलाके में सक्रिय एक ऐसे ही दो भाइयों की जोड़ी को पुलिस ने करीब 16 किलोमीटर तक तक पीछा करके पकड़ा है। हरिदेवपुर थाना प्रभारी प्रसून दे सरकार के नेृतत्व में एसआई जयदेव बैरागी ने दोनों भाइयों को एक बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों के नाम बाप्पा मिस्त्री और छोटू मिस्त्री हैं।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले हरिदेवपुर के कालीतल्ला स्थित सेना के एक जवान के घर से उसका मोबाइल फोन और स्कूटी की चाबियां चोरी हो गईं। चाबी का प्रयोग कर स्कूटी चुरायी गयी। हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन ने जांच शुरू की और इलाके से सीसीटीवी फुटेज की जांच की। घर से काफी दूर दो युवकों को स्कूटी से उतरकर घर के अंदर जाते देखा गया था। उनकी पहचान की गयी। छोड़ी गयी स्कूटी के टायरों में हवा नहीं थी। इसलिए उन्होंने नई स्कूटी चुरा ली। पुलिस अधिकारियों ने मोबाइल फोन की जांच की तो पता चला कि यह कभी दक्षिण 24 परगना के पारुलिया में तो कभी मुचिशा या फलता में चालू होता था। बाकी समय यह बंद रहता है। उस सूचना के आधार पर पुलिस ने उन स्थानों पर छापे मारे। एक बार स्कूटी को सुबह साढ़े चार बजे बीबी हाट के पास देखा गया था। लेकिन पुलिस की गाड़ी को देखकर वे गांव की सड़क पर भाग गए। कई अन्य स्थानों पर उनकी तलाश करने के बाद जब पुलिस अधिकारी सुबह फलता पहुंचे तो स्कूटी फिर से उनके सामने आ गई। पुलिस की गाड़ी को देखकर वह करीब 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भागने लगे। पुलिस की गाड़ी ने उसका पीछा किया और अंततः उन्हें पकड़ लिया। वे स्कूटर छोड़कर भागने की कोशिश करते, पुलिस ने इससे पहले ही दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों ने पुलिस को बताया कि वे स्कूटर पर सवार होकर विभिन्न स्थानों पर जाकर घरों को लूटने की योजना बना रहे थे। हालाँकि, यह अंततः सफल नहीं हुआ। वे पहले भी पुलिस द्वारा पकड़े जा चुके हैं। वे आमतौर पर डायमंड हार्बर के विभिन्न हिस्सों में मकान किराये पर लेते थे।