केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य में पहली बार चुनाव आयोग ने सामाजिक रूप से वंचित तबकों को मुख्यधारा के लोकतांत्रिक अधिकारों से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कोलकाता के सोनागाछी में मंगलवार से शुरू हुए विशेष वोटर पंजीकरण कैंप में मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल खुद पहुंचे और स्पष्ट कहा कि 18 वर्ष से ऊपर हर पात्र नागरिक को—चाहे उसके पास कोई दस्तावेज न हो—विशेष पावर के तहत मतदाता सूची में शामिल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक अपनी परिस्थिति के कारण मताधिकार से वंचित न रहे। कोलकाता के सोनागाछी क्षेत्र में मंगलवार को विशेष वोटर पंजीकरण कैंप शुरू हुआ, जो बुधवार तक चलेगा। सीईओ मनोज अग्रवाल ने कैंप का निरीक्षण करते हुए लोगों से संवाद किया और मौके पर ही अधिकारियों को तेज गति से पंजीकरण प्रक्रिया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष पूरा कर चुके नागरिकों को फॉर्म 6 उपलब्ध कराया जा रहा है। जिनके पास कोई पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं है, उन पर भी आयोग विशेष अधिकार का प्रयोग करके कार्रवाई करेगा।
दस्तावेज न होने पर भी मिल सकेगा मताधिकार
सीईओ अग्रवाल ने अपने “स्पेशल पावर” की व्याख्या करते हुए कहा— “हमारे पास यह अधिकार है कि हम स्थानीय स्तर पर पूछताछ कर व्यक्ति की पहचान व निवास की पुष्टि कर सकें। अगर वह यहां का निवासी है और 18 वर्ष से अधिक है, तो दस्तावेज न होने पर भी उसे मतदाता सूची में शामिल किया जा सकता है।” सोनागाछी की कुछ महिलाओं के बच्चों की पहचान से जुड़े सवाल पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि 18 वर्ष से कम बच्चों को सूची में शामिल नहीं किया जा सकता, लेकिन वयस्क बनने पर उन्हें फॉर्म दिया जाएगा और आयोग सुनवाई के बाद मताधिकार सुनिश्चित करेगा।
एनुमरेशन फॉर्म की अंतिम तिथि 11 दिसंबर
अग्रवाल ने बताया कि 2025 की मतदाता सूची में जिनका नाम नहीं है, उन्हें एनुमरेशन फॉर्म नहीं मिलेगा। ऐसे लोगों को नए सिरे से फॉर्म 6 भरकर मतदाता बनने के लिए आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि सोनागाछी का यह कैंप निर्धारित समय के भीतर पूरा हो जाए ताकि अधिकतम वंचित लोग लाभ उठा सकें।
राज्यभर के संवेदनशील इलाकों में भी लगेंगे ऐसे कैंप
सीईओ ने स्पष्ट किया कि यह पहल केवल सोनागाछी तक सीमित नहीं है। राज्यभर में उन इलाकों में भी विशेष कैंप लगाए जाएंगे जहाँ—
- सेक्स वर्कर समुदाय
-प्रवासी मजदूर
-ट्रांसजेंडर व्यक्ति
-पहचान संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे नागरिक रहते हैं।
इससे बड़ी संख्या में लोग पहली बार चुनावी प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगे।
वोटर पंजीकरण में हर तरह की सहायता उपलब्ध
कमीशन ने बताया कि कैंप में मौजूद टीमें लोगों को—
- फॉर्म भरने
- दस्तावेज जुटाने
- पहचान सत्यापन
-तकनीकी औपचारिकताओं में पूरी मदद करेंगी।
सीईओ का स्पष्ट संदेश है—
“कोई भी पात्र नागरिक सिर्फ दस्तावेजों की कमी या सामाजिक परिस्थिति के कारण अपने वोट के अधिकार से वंचित नहीं रहेगा।”
वंचित वर्गों के लिए बड़ा कदम
यह पहल उन समुदायों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जिन्हें वर्षों से पहचान और दस्तावेजी समस्याओं के कारण मतदाता सूची में शामिल होने में कठिनाइयां रही हैं। सेक्स वर्कर, ट्रांसजेंडर, विस्थापित और अत्यंत गरीब वर्ग इस अभियान से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
NGO और प्रशासन का भी सहयोग
चुनाव आयोग स्थानीय एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर कैंप संचालन कर रहा है ताकि अधिक से अधिक पात्र नागरिक इसमें भाग ले सकें।