कोलकाता : शहर के हृदयस्थल में स्थित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान, इन दिनों डेंगू जैसी गंभीर बीमारी के खतरे से जूझ रहा है। मंगलवार को कोलकाता नगर निगम के डिप्टी मेयर एवं स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य अतिन घोष ने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कॉलेज परिसर में भारी मात्रा में गंदगी फैली हुई पाई गई। जगह-जगह पानी जमा हुआ था, जिससे मच्छरों के लार्वा पनपते हुए मिले। डस्टबिनों में कचरे का अंबार लगा हुआ था, जिसकी सफाई लंबे समय से नहीं की गई थी। यही नहीं, कॉलेज परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था बेहद लचर और चिंताजनक स्थिति में थी। डिप्टी मेयर ने जानकारी देते हुए बताया कि कॉलेज में नियुक्त 37 ग्रुप डी कर्मचारियों में से केवल 3 से 4 कर्मचारी ही सक्रिय रूप से कार्य करते पाए गए।
यह प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट संकेत है। अतिन घोष ने इस गंदगी और लापरवाही के लिए कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को भी जिम्मेदार ठहराया। उल्लेखनीय है कि कोलकाता नगर निगम की ओर से पहले ही कॉलेज प्रशासन को एक औपचारिक नोटिस भेजा गया था, जिसमें साफ-सफाई के स्तर में सुधार लाने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद स्थिति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं देखा गया, जो अत्यंत गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है। डिप्टी मेयर ने यह भी चेतावनी दी कि यदि कॉलेज प्रशासन द्वारा तत्काल प्रभाव से सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो निगम की ओर से कॉलेज पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो कॉलेज के छात्र छात्राएं, शिक्षकगण एवं अन्य स्टाफ डेंगू की चपेट में आ सकते हैं।
अतिन घोष ने कॉलेज के प्राचार्य से भी मुलाकात की और उन्हें निर्देश दिया कि डेंगू की रोकथाम हेतु एक विस्तृत एसओपी तैयार की जाए, जिसमें नियमित सफाई, पानी की निकासी, कचरा प्रबंधन और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव जैसे उपाय शामिल हों। उन्होंने कहा कि एक शैक्षणिक संस्थान, जहां भविष्य के कलाकारों को तैयार किया जाता है, वहां इस प्रकार की अव्यवस्था न केवल छात्रों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि पूरे शहर के लिए भी चिंता का विषय है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अगले कुछ दिनों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए और डेंगू के लार्वा की रोकथाम के लिए समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम:
* नियमित सफाई अभियान
* जमा पानी की तत्काल निकासी
* डस्टबिनों की नियमित सफाई
* मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव
* कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करना
* प्रशासनिक निगरानी बढ़ाना