सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बारिश के कारण सड़कों की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत को लेकर कोलकाता नगर निगम चिंतित है। इस बार केएमसी सड़कों के निर्माण के लिए नया तरीका अपनाने जा रहा है। नगर निगम का दावा है कि पानी पिच के दुश्मनों में से एक है। इसलिए जमा हुए पानी से पिच बह रही है और सड़कें बर्बाद हो रही हैं। पैसा खर्च करने का कोई फायदा नहीं है। इसलिए, इस बार केएमसी ने शहर की महत्वपूर्ण सड़कों पर पिच की जगह कंक्रीट ब्लॉक लगाने का फैसला किया है।
इस बीच, कोलकाता की कई सड़कों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कंक्रीट ब्लॉक लगाए गए हैं। लेकिन फिर भी, स्थायी समाधान के लिए दबाव कम नहीं हो रहा है। शहर में जगह-जगह गड्ढे बन रहे हैं जिससे शहर की रफ्तार धीमी पड़ रही है। एक के बाद एक दुर्घटनाएं हो रही हैं। राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय द्वारा मैस्टिक डामर पर प्रतिबंध लगाने के बाद, कोलकाता नगर निगम वैकल्पिक विचार लेकर आया है जिससे कंक्रीट ब्लॉक का खतरा बढ़ता जा रहा है। जानकारों का मानना है कि अब नगर निगम के सड़क विभाग के भीतर ही इस बात को लेकर संशय है कि यह नया कंक्रीट ब्लॉक कितना उपयुक्त होगा।
बारिश के कारण नहीं बन पा रही है सड़क : मेयर
महानगर में ऐसा कोई भी महत्वपूर्ण क्षेत्र नहीं है जहां की सड़कें सामान्य अवस्था में हों। इसे लेकर मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि बारिश के कारण महानगर की सड़कों पर काफी प्रभाव पड़ा है। 200 से अधिक मिमी बारिश में नयी सड़कें भी खराब हो गई हैं। हमारी योजना थी कि हम 31 जुलाई तक सभी जर्जर सड़कों की मरम्मत करा देंगे लेकिन ऐसे मौसम में यह संभव नहीं है। यदि हमें केवल 10 दिनों के लिए भी ड्राई मौसम मिलता है तो हम सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर देंगे। शुक्रवार को पूरे दिन बाईपास पर भारी जाम लगा रहा। यात्रियों को भारी परेशान हुई।
ईएम बाईपास की हुई अस्थाई मरम्मत
ईएम बाईपास की अस्थायी रूप से मरम्मत कर दी गई, लेकिन ट्रैफिक जाम कम नहीं हुआ। ट्रैफिक पुलिस भी इस जाम को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है। फिरहाद ने कहा कि मैं भी ईएम बाईपास पर फंस गया था। मैंने कोलकाता नगर पालिका सड़क विभाग के महानिदेशक को मामले की जानकारी दी। फिर सड़क पर झाड़ू लगाकर सफाई करनी पड़ी। उसके बाद पानी कम हुआ।
गुरुवार शाम को चिंगरीहाटा, बेलेघाटा बिल्डिंग चौराहे समेत कई जगहों पर भीषण ट्रैफिक जाम देखा गया। शुक्रवार को भी यही स्थिति देखने को मिली। टैक्सी चालकों और यात्रियों की शिकायत है कि एक-दो किलोमीटर की सड़क पार करने में दो घंटे से ज़्यादा का समय लग जाता है। हालांकि, समस्या सिर्फ़ अंबेडकर ब्रिज के नीचे ही नहीं, बल्कि गरिया से लेकर रूबी मोड़, वीआईपी मार्केट और साइंस सिटी के आसपास भी है। पूरी सड़क गड्ढों से भरी है। इसे लेकर लंबे समय से लोगों में रोष है।