कोलकाता : राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल और भारत निर्वाचन आयोग के सहायक निदेशक (मीडिया) अपूर्व कुमार सिंह ने मंगलवार को राज्य के मीडिया अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक का आयोजन बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में किया गया था। बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरिंदम नियोगी और उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुब्रत पाल भी उपस्थित थे। इसके अलावा बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन, आकाशवाणी, दूरदर्शन, फिल्म प्रमाणन बोर्ड और सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। अपूर्व कुमार सिंह ने बैठक में चुनाव आयोग की हालिया पहलों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देशानुसार बीते कुछ महीनों में चुनाव आयोग ने कई नई पहल शुरू की है, जिनका उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक सहभागी, पारदर्शी और सभी हितधारकों के लिए सुलभ बनाना है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि मीडिया लोकतांत्रिक चुनाव प्रणाली का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ है और चुनाव आयोग मीडिया के साथ सहयोगपूर्ण और मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा जताई कि मीडिया, आयोग की पहलों और कार्यक्रमों की जानकारी आम मतदाताओं तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
निर्वाचन आयोग की महत्वपूर्ण पहल :
* एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय की गई है।
* बहुमंजिली इमारतों और कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
* मतदाता सूची अद्यतन करने हेतु मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे पंजीयक महानिदेशालय से लिया जाएगा और सत्यापन के बाद सूची में शामिल किया जाएगा।
* वोटर स्लीप को अब अधिक सुगम और स्पष्ट बनाया जाएगा सीरियल नंबर और भाग संख्या को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा।
* मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल जमा केंद्र की सुविधा दी जाएगी।
* प्रचार दूरी नियमों में ढील अब उम्मीदवार/राजनीतिक दल 100 मीटर की दूरी के बाहर प्रचार बूथ लगा सकेंगे (पहले यह सीमा 200 मीटर थी)।
* ईसीआईनेट नामक एकीकृत डैशबोर्ड की शुरुआत – जो 40 से अधिक ऐप/वेबसाइट्स को एक प्लेटफॉर्म पर लाएगा।
* डुप्लिकेट एपिक नंबर की समस्या का समाधान कर अब यूनिक एपिक नंबर की व्यवस्था लागू की गई है।
* बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।