कोलकाता : कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए मंगलवार को पहली बार कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) के माध्यम से BA LLB (5 वर्षीय कोर्स) में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित की। इस परीक्षा में 4000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। परीक्षा को चार CBT-सक्षम केंद्रों पर संपन्न कराया गया।
अब तक यह परीक्षा पारंपरिक पेन-पेपर मोड में होती थी, लेकिन हाल ही में एक लॉ कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया।
इस बार परीक्षा संचालन का दायित्व एक निजी एजेंसी को सौंपा गया और कानून विभाग को प्रश्न पत्र निर्माण और परीक्षा प्रक्रिया से पूरी तरह अलग रखा गया। इस बदलाव को यूनिवर्सिटी की अंतरिम कुलपति शांता दत्ता दे ने “क्रांतिकारी कदम” बताया।
“हमने लॉ विभाग को इस प्रक्रिया से अलग रखा ताकि परीक्षा की गोपनीयता बनी रहे और निष्पक्षता सुनिश्चित हो,” — शांता दत्ता डे, अंतरिम कुलपति
परीक्षा 100 अंकों की वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार की थी, जिसमें कोई नकारात्मक अंकन (Negative Marking) नहीं था। कई छात्रों ने कहा कि पेपर अपेक्षाकृत कठिन था और CBT मोड में तकनीकी समस्याएं भी आईं।
सौरदीप विश्वास, एक छात्र ने बताया कि इस बार प्रश्नपत्र पिछले वर्षों से पूरी तरह अलग था और गणित का अनुपात अधिक था।
सौमिता मित्रा ने कहा कि परीक्षा तो ठीक हुई लेकिन कड़ी निगरानी और प्रतिबंध (जैसे पानी की बोतल तक न ले जाने देना) से दबाव महसूस हुआ।
परीक्षा का मूल्यांकन और मेरिट लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी की है। परिणाम जल्द ही यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाएंगे।