सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : दुर्गापूजा के बाद ईडी की टीम ने कार्रवाई तेज कर दी। ईडी ने शुक्रवार को कोलकाता समेत 11 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापामारी की। इसमें राज्य के मंत्री से जुड़ी संपत्तियां भी शामिल हैं। यह कार्रवाई नगर पालिका में भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई। ईडी की टीम ने साल्टलेक स्थित मंत्री के आवास-सह-कार्यालय, नगेरबाजार इलाके में एक पार्षद के आवास और दक्षिण दमदम नगर पालिका के पूर्व अधिकारियों के आवासों पर छापेमारी की।
यहां पड़े छापे
उत्तर कोलकाता के ठनठनिया कालीबाड़ी इलाके में एक आवास पर तथा शहर के दक्षिणी हिस्से में न्यू अलीपुर में एक वकील के आवास पर भी छापेमारी की गई। ईडी के अधिकारी ने कहा कि इस छापेमारी का उद्देश्य भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े दस्तावेजों को एकत्र करना है। अब तक हमने मंत्री के कार्यालय से कई ओएमआर शीट जब्त की हैं। अधिकारियों ने साल्टलेक क्षेत्र में एक रेस्तरां के प्रबंधक से भी पूछताछ की। ईडी के मुताबिक, हमारी जांच में रेस्तरां का नाम सामने आया है। बैंक खातों की जांच कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि कोई संदिग्ध लेन-देन हुआ था या नहीं।’’
मंत्री ने यह कहा
पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने चुनाव से पहले उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, ये छापे मारे जाते हैं। ये कार्रवाई विपक्षी दलों के नेताओं के लिए होती है। यह कोई नयी बात नहीं है। उन्होंने पहले भी मेरी संपत्तियों पर छापे मारे हैं और मेरे खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। यह चुनाव से पहले दबाव बनाने की एक रणनीति है। मंत्री ने दावा किया कि उनकी ईमानदारी का प्रमाण पत्र अंततः जनता द्वारा दिया जायेगा, किसी एजेंसी द्वारा नहीं। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी को अपना काम करने दीजिए। हम अपना काम करेंगे। वे भ्रष्टाचार की बात तो करते हैं, लेकिन जरूरी सबूत पेश नहीं करते। जनता सब जानती है।
पहले भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले, जनवरी 2024 में, ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता के स्वामित्व वाले आवासों और एक कार्यालय समेत कुछ संपत्तियों की तलाशी ली थी और उसी मामले के संबंध में उनसे पूछताछ की थी। एजेंसी ने 14 घंटे की छापेमारी के बाद कुछ दस्तावेज और नेता का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था, जिसके बाद बोस ने कहा कि अगर जांचकर्ता यह साबित कर दें कि उन्होंने ‘‘मंत्रिस्तरीय सेवाओं के बदले लोगों से एक रुपया भी स्वीकार किया है, तो वह तुरंत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज देंगे।