कोलकाता: इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) द्वारा आयोजित 'भारत के डिजिटल भविष्य को सशक्त बनाना' विषय पर बोलते हुए राज्य के आईटी मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हो रहे अभूतपूर्व परिवर्तन को रेखांकित किया। शनिवार को उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में जहां आईटी निर्यात 4,500 करोड़ रुपये था, वहीं आज यह बढ़कर 35,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। बंगाल देश का अग्रणी आईटी हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। यह राज्य सरकार की रणनीतिक निवेश नीति और डिजिटल बुनियादी ढांचे के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है।
बंगाल के तकनीकी भविष्य को नई दिशा मिलने की उम्मीद है
बंगाल सिलिकॉन वैली परियोजना को राज्य की आईटी क्रांति का ध्वजवाहक बताते हुए बाबुल ने कहा कि 250 एकड़ में फैली यह परियोजना अब पूरी तरह आवंटित हो चुकी है। 42 कंपनियां इसमें शामिल हैं, जिनमें से 19 ने कार्य शुरू कर दिया है और 3 पूरी तरह शुरू हो चुकी हैं। 5 करोड़ प्रति एकड़ की दर से आवंटित जमीन की कीमत अब 40 करोड़ प्रति एकड़ तक पहुंच चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि सिलीगुड़ी, दुर्गापुर, कल्याणी, कृष्णानगर और आसनसोल जैसे क्षेत्रों में 22 आईटी पार्क सक्रिय हैं। इन्फोसिस, विप्रो और टीसीएस जैसी प्रमुख कंपनियां यहां 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं। ग्लोबल फाउंड्रीज के आरएंडडी केंद्र की स्थापना और आगामी सेमीकंडक्टर व ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति की घोषणा से बंगाल के तकनीकी भविष्य को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। सुप्रियो ने इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गतिशील नेतृत्व का परिणाम बताया।