सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : इंडिगो की घरेलू उड़ानों में पिछले एक सप्ताह से जारी अव्यवस्था ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की यात्रा योजनाओं में बड़ा बदलाव ला दिया है। लगातार रद्दीकरण और आखिरी मिनट में रिस्केड्यूलिंग के कारण फंसे हुए यात्री, खासकर यूरोप, अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया जाने वाले, अब भारतीय हब्स को छोड़कर विदेशी शहरों के रास्ते यात्रा कर रहे हैं। इस बदलाव ने खाड़ी और दक्षिण-पूर्व एशियाई एयरलाइंस की मांग में अचानक वृद्धि कर दी और वे अप्रत्याशित रूप से संकट के ‘विजेता’ बन गई हैं।
सबसे बड़ा बदलाव उन यात्रियों में देखा गया जो सामान्यतः दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु होकर लंबी अंतरराष्ट्रीय उड़ान पकड़ते थे। अब कई लोग पहली उपलब्ध भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय उड़ान पकड़ने को प्राथमिकता दे रहे हैं—भले ही इसके लिए ज्यादा भुगतान करना पड़े और दुबई, दोहा या सिंगापुर के रास्ते जाना पड़े।
लंदन जाने वाले आर्चि बागची और निलाक्षी कोटनीस भी ऐसे ही प्रभावित हुए। उनका कोलकाता-बेंगलुरु इंडिगो कनेक्शन रविवार को रद्द हो गया। इसके बाद उन्होंने अपना इंटिरारी फाड़कर दुबई के रास्ते एमिरेट्स फ्लाइट बुक की। बागची ने कहा, “अब देश के अंदर यात्रा करके अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट पकड़ने का कोई मतलब नहीं रहा।”
सिंगापुर जाने वाले एक यात्री का कोलकाता-दिल्ली फ्लाइट शनिवार को रद्द हो गया। जोखिम से बचने के लिए उन्होंने रविवार को बैंकॉक होकर सिंगापुर जाने का विकल्प चुना।
कोलकाता के ट्रैवल एजेंटों ने बताया कि बुधवार से शुरू हुई घरेलू उड़ानों की अराजकता के बाद कोलकाता से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मांग में तेज़ी आई है। इस बदलाव से एमिरेट्स, एतिहाद, कतार एयरवेज, साथ ही सिंगापुर एयरलाइंस और थाई एयरवेज़ जैसी एयरलाइंस को फायदा हुआ।
विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और कोरिया जाने वाले यात्रियों के लिए सिंगापुर और बैंकॉक के रास्ते अब पसंदीदा विकल्प बन गए हैं। भारतीय टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष ने कहा, “दुबई हमेशा लोकप्रिय था, लेकिन अब इसकी मांग और भी बढ़ गई है।”