मेजर जूनती जान दास 
कोलकाता सिटी

असम की बेटी मेजर जूनती जान दास ने लद्दाख में रचा इतिहास

6120 मीटर ऊंची अज्ञात चोटी 'माउंट लामो' पर फहराया परचम

सन्मार्ग संवाददाता

गुवाहाटी : लद्दाख की दुर्गम और चुनौतीपूर्ण याबत तोकपो घाटी में एक अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की अधिकारी मेजर जूनती जान दास ने 6120 मीटर ऊंची एक अज्ञात चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर इतिहास रच दिया। यह चोटी अब तक अज्ञात और अति कठिन मानी जाती थी, जिस पर सदियों से कोई चढ़ाई नहीं हुई थी। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद इस चोटी का नाम ‘माउंट लामो’ रखा गया है, जो लद्दाख की स्थानीय परंपराओं के अनुरूप है और देवी मां काली की दिव्य शक्ति का प्रतीक है।

मेजर जूनती जान दास असम के डिब्रूगढ़ जिले के मोहनबाड़ी की निवासी हैं। उनके पिता शशिधर दास और माता रोंगमोनी दास हैं। उन्होंने पुणे स्थित प्रतिष्ठित कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एएफएमसी से 2007-2011 में स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद 2014 में आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल, नई दिल्ली से नवजात शिशु नर्सिंग में पीजी डिप्लोमा और 2020 में डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय, पुणे से अस्पताल प्रशासन में एमबीए की डिग्री प्राप्त की।

मेजर जूनती ने देश की रक्षा सेनाओं के कई प्रमुख अस्पतालों में सेवा दी है, जिनमें आईएनएचएस अस्विनी, आईएनएचएस कल्याणी, बेस हॉस्पिटल दिल्ली और आर्मी हॉस्पिटल R&R शामिल हैं। वर्ष 2022-23 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNMISS), साउथ सूडान में एक ICU नर्स के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

मेजर जूनती जान दास अपने पर्वतारोही अन्य लोगों के साथ तिरंगा फहराते हुए

पर्वतारोहण और मैराथन में भी अग्रणी

मेजर जूनती एक कुशल पर्वतारोही भी हैं। माउंट लामो के पहले उन्होंने सफलतापूर्वक कई पर्वतारोहण अभियानों में हिस्सा लिया:

  • माउंट रेणोके (5029 मीटर) - 2018

  • माउंट काबरू डोम बेस (5330 मीटर) - 2019

  • माउंट नंदा घुन्टी (6309 मीटर) - 2019

  • माउंट खांचेनगायो (6889 मीटर) - 2021

इसके साथ ही वह एक अल्ट्रा मैराथन धाविका भी हैं और कई मैराथन कार्यक्रमों में भाग ले चुकी हैं। वर्ष 2021 में उन्हें चीफ ऑफ नेवल स्टाफ कमेंडेशन से सम्मानित किया गया।

एक प्रेरणास्त्रोत नारी शक्ति

मेजर जूनती जान दास असम ही नहीं, बल्कि पूरे देश की बेटियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि "शक्ति का ही नाम नारी है।" अपनी सेवा, समर्पण और साहस से उन्होंने हर चुनौती को पार कर देश और राज्य का नाम रोशन किया है।

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