विधाननगर : 74 वर्षीय रिटायर्ड ओएनजीसी कर्मचारी गौतम कुमार राय ने अपने जीवन भर की कमाई गंवा दी। वे 99 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गए। यह घटना तब सामने आई जब साइबर अपराधियों ने खुद को मुंबई पुलिस के अधिकारी बताकर उन्हें चार दिन तक “डिजिटल अरेस्ट” करके रखा। गौतम राय ने बिधाननगर कमिश्नरेट के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में बताया गया कि अपराधियों ने उन्हें अपने दो फिक्स्ड डिपॉजिट बंद करने और पूरी राशि उनके खाते में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
विधाननगर पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, अपराधियों ने 29 नवंबर को कॉल और व्हाट्सऐप संदेशों के जरिए राय से संपर्क किया। कॉल करने वालों ने खुद को मुंबई पुलिस मुख्यालय का अधिकारी बताया और दावा किया कि राय के नाम का मोबाइल सिम इस्तेमाल करके मुंबई के अमीर व्यापारियों को रैंसम कॉल और मौत की धमकियां दी जा रही हैं। अपराधियों ने राय को बताया कि यह सिम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक प्रतिबंधित संगठन से जुड़े किसी ऑपरेटर द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है और उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। पहले दो दिनों तक, अपराधियों ने राय को धमकी दी कि अगर उन्होंने परिवार से बात की या घर से बाहर निकले तो उन्हें और उनके परिवार को मुंबई ले जाकर उम्रकैद की सजा दी जाएगी। पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘फ्रॉडस्टर्स ने राय को लगातार वीडियो कॉल पर घंटों तक रखा। कभी-कभी उन्हें सात घंटे तक वीडियो कॉल पर रहना पड़ता था।’
1 दिसंबर को कॉल करने वालों ने राय से कहा कि आरबीआई उनके बैंक खातों की जांच कर रही है और उनका पैसा तभी सुरक्षित रहेगा जब वह अपनी सारी बचत बताएंगे। अत्यधिक मानसिक तनाव झेलते हुए राय ने अपने दो एफडी और एक राष्ट्रीयकृत बैंक के सेविंग अकाउंट सहित 1 करोड़ रुपये से अधिक की जानकारी अपराधियों को दे दी।