फाइल फोटो 
कोलकाता सिटी

युवा भारती क्रीडांगन में तोड़फोड़ मामले में 5 गिरफ्तार

अभियुक्तों को 22 दिसंबर तक जेल हिरासत

विधाननगर : सॉल्टलेक स्थित युवा भारती क्रीडांगन में हुई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने सोमवार को 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। अभियुुक्तों के नाम बासुदेव दास, संजय दास, अभिजीत दास, गौरव बसु और शुभ्रप्रतिम दे हैं। पुलिस ने सीसीटवी फुटेज और अन्य वीडियो की मदद से अभियुक्तों को चिह्नित कर उन्हें गिरफ्तार किया। इस बीच सोमवार को विधाननगर साउथ थाने में युवा भारती क्रीडांगन को लेकर दर्ज दोनों ही मामलों की जांच विधाननगर के डीडी विभाग को सौंप दी गयी। विधाननगर सिटी पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि डीडी को मामले की जांच सौंप दी गयी है। वहीं स्टेडियम में हुई अव्यवस्था की घटना को लेकर कई लोगों को तलब किया गया है। इसी सप्ताह कई लोगों से पूछताछ होगी।

गिरफ्तार युवकों ने अदालत में खुद को बताया पीड़ित

जानकारी के अनुसार स्टेडियम में गिरफ्तार किए गए युवकों को सोमवार को विधाननगर अदालत में पेश किया गया। अभियुक्तों ने अदालत में खुद को पीड़ित बताते हुए गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने रिमांड की मांग नहीं की, लेकिन जेल हिरासत की अर्जी दी गई। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि जब पुलिस कस्टडी नहीं मांगी गई है, तो आरोपितों को जमानत मिलनी चाहिए। हालांकि सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि युवा भारती में हुए बवाल में कई सरकारी कर्मचारी और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उनकी चोटों की गंभीरता की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस जेल हिरासत के दौरान भी रिमांड मांग सकती है।

अदालत में आरोपितों ने सवाल उठाया कि क्या वे सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देते हैं। उनका कहना था कि उन्होंने मेसी को देखने के लिए टिकट खरीदा था, लेकिन अव्यवस्था के कारण वे उन्हें देख नहीं पाए। उन्होंने दावा किया कि तोड़फोड़ या मारपीट में उनकी कोई भूमिका नहीं है और इतनी बड़ी भीड़ के बीच उनकी पहचान कैसे की गई, इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। अभिजीत दास और बसुदेव दास ने दावा किया कि वे सीसीटीवी फुटेज में नहीं हैं। बासुदेव का कहना है कि अभिजीत की गिरफ्तारी के बाद वे खुद पुलिस स्टेशन गए थे, जहां से उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। संजय दास ने सवाल किया कि असली तोड़फोड़ करने वालों के बजाय उन्हें क्यों पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि उनके पिता फूलों की दुकान चलाते हैं और वे फूलों को नुकसान क्यों पहुंचाएंगे। दक्षिण दिनाजपुर निवासी शुभ्रप्रतिम दे, जो एमबीए का छात्र है और एक सेमी-गवर्नमेंट संगठन में कार्यरत है, ने अदालत में दलील दी कि जमानत न मिलने पर उसका भविष्य बर्बाद हो जाएगा। हालांकि अदालत ने उसकी दलील स्वीकार नहीं की। सभी आरोपितों को 22 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और पुलिस से केस डायरी तलब की गई है।

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