कोलकाता: गोल्फग्रीन थानांतर्गत बिक्रमगढ़ इलाके के एक फ्लैट में छापेमारी कर कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। यह कॉल सेंटर झारखंड के साइबर अपराधियों द्वारा संचालित किया जा रहा था और देशभर के लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने के उद्देश्य से काम कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम जमशेद अंसारी, मोहम्मद शोएब अंसारी, बिरेन्द्र पंडित और प्रदीप मंडल हैं। सभी अभियुक्त झारखंड के गिरिडीह जिले के रहने वाले हैं।
क्या है पूरा मामला
पुलिस ने बताया कि अभियुक्त अपने कॉल सेंटर से भारतभर के लोगों को फोन और व्हाट्सऐप कॉल के माध्यम से संपर्क करते थे। वे खुद को विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालों के प्रतिनिधि या बुकिंग अधिकारी बताकर झूठे आश्वासन देते थे। इन अपराधियों ने हॉस्पिटल और ट्रांसपोर्ट विभाग के नाम से नकली एंड्रॉइड एप (.apk फाइल) बनाकर व्हाट्सऐप के जरिए पीड़ितों को भेजे। पीड़ित इन एप्स को अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करने के बाद अपराधियों ने उनके मोबाइल डिवाइस का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। इसके बाद उन्होंने फोनपे खाते और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से पीड़ितों के पैसे अपने गुमनाम बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
छापेमारी के दौरान फ्लैट में मौजूद लोग कॉल सेंटर के संचालन के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में अभियुक्तों के पास से 24 मोबाइल फोन, लगभग 250 म्यूल पैन कार्ड और अन्य संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए।
साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि अब अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है और देशभर के पीड़ितों के खातों में हुई अनधिकृत लेनदेन की जांच की जा रही है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों के अन्य नेटवर्क तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है।
इस कार्रवाई से स्पष्ट हुआ कि बड़े शहरों में बैठे साइबर अपराधी कैसे तकनीक का उपयोग कर लोगों को धोखा देते हैं और उनके जीवन भर की बचत को निशाना बनाते हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि कोई भी अनजान एप डाउनलोड न करें और संदिग्ध कॉल या संदेश मिलने पर तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।