कोलकाता : महानगर में फर्जी दस्तावेज के जरिए सरकारी बैंक से 55.34 लाख रुपये का कार लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का कोलकाता पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड सेक्शन के अधिकारियों ने मामले में गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के नाम कौशिक घोष (48), सुजीत कुमार मिश्रा (41), सुब्रत पुरकायत (38) और रनोव्रत चटर्जी (51) हैं। ये सभी बेहला,दक्षिण 24 परगना और रिजेंट पार्क इलाके के रहनेवाले हैं। शुक्रवार को अभियुक्तों को अदालत में पेश करने पर उन्हें 1 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
क्या है पूरा मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार सरकारी बैंक की मैनेजर तेजस्विता रंजन ने गत मई महीने में ठाकुरपुकुर थाने में अभियुक्तों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज जमा कर 55.34 लाख रुपये का कार लोन लेकर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी थी। बैंक ने अपनी शिकायत में बताया कि अभियुक्तों ने एक साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज जमा कर 4 कार लोन के लिए आवेदन किया था। अभियुक्तों ने बैंक से 55.34 लाख रुपये का लोन लिया और उसे चुकाया नहीं। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि 4 लोगों के नाम से बैंक में लोन के लिए दस्तावेज जमा किये गये थे। पुलिस ने जांच करते हुए बेहला के रहनेवाले कौशिक घोष को गिरफ्तार किया। इसने चारों लोनधारकों के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और अन्य के साथ मिलकर लोन प्रक्रिया को अंजाम दिया। इसके बाद पुलिस ने सुजीत मिश्रा को पकड़ा। उसने पैसों के बदले फर्जी लोनधारकों की व्यवस्था की। सुजीत से पूछताछ के बाद सुब्रत पुरकाइत को पकड़ा गया। वह स्वयं लोनधारक था, जिसने अपने नाम पर फर्जी दस्तावेज जमा कर कार लोन लिया था। तीनों की निशानदेही पर रनोव्रत को पकड़ा गया। इसने कमीशन के एवज में फर्जी लोनधारकों की व्यवस्था की। फिलहाल पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ कर उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।