रांची : झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों JMM, कांग्रेस एवं RJD के रिश्तों में 'तनाव' की खबरों तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरों के बीच राज्य में राजनीतिक बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं।
झारखंड में संभावित सियासी बदलाव की अटकलें तब शुरू हुई थीं, जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दिवंगत नेता शिबु सोरेन के दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती होने के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई वरिष्ठ नेता उनका हालचाल जानने पहुंचे थे।
अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन के राष्ट्रीय राजधानी में लंबे प्रवास तथा BJP नेताओं के साथ उनकी कथित बैठकों के बाद इन अटकलों को बल मिला है।
इससे पहले, बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान BJP ने राज्य की एक भी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की थी। पार्टी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर 'राजनीतिक साजिश' रचने तथा महागठबंधन में शामिल होने के बावजूद उसे सीटों से वंचित रखने का आरोप लगाया था। JMM ने यह भी कहा था कि वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अपनी भूमिका की समीक्षा करेगी।
JMM की इस घोषणा के कुछ हफ्तों बाद झारखंड में सियासी रहस्य गहरा गया है, खासकर मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के 28 नवंबर को दिल्ली पहुंचने तथा वहां कई दिनों तक रुकने के कारण। हालांकि, दोनों झारखंड विधानसभा के 5 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के मद्देनजर बुधवार शाम रांची लौट आए।
बहरहाल, JMM और कांग्रेस दोनों ने झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में तनाव तथा राज्य में संभावित सियासी बदलाव की अटकलों को 'अफवाह' करार देते हुए खारिज किया है। कांग्रेस विधायक और प्रदेश के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा, राज्य में सियासी उथल-पुथल की अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा, झारखंड विधानसभा में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के पास 56 सीटें हैं। बिहार चुनाव में सीट नहीं मिलना बहुत मामूली बात है। हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं। किशोर ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि झारखंड में राजकोषीय संकट के कारण गठबंधन समीकरणों में बदलाव की जरूरत को बल मिल रहा है।
एक अन्य कांग्रेस विधायक एवं मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा, अटकलें पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद हैं। BJP अफवाह फैलाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने BJP के सामने झुकने के बजाय जेल जाना पसंद किया। झारखंड की जनता ने गठबंधन को एक मजबूत और एकतरफा जनादेश दिया, जो दृढ़ता के साथ राज्य पर शासन करेगा।
कांग्रेस की झारखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने BJP पर राज्य में सियासी बदलाव की अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले 6 महीने तक सलाखों के पीछे रहे मुख्यमंत्री को शानदार जीत मिली। वह BJP के साथ क्यों जाएंगे ?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने महागठबंधन में दरार की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, महागठबंधन में सब कुछ ठीक है। गठबंधन के सभी सहयोगी एकजुट हैं। यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
सोरेन के दिल्ली दौरे पर कमलेश ने कहा कि यह 'बकाया केंद्रीय निधि' और राज्य के विकास से सिलसिले में था।
वहीं, JMM ने कहा कि यह दौरा 'परिवार में किसी चिकित्सा स्थिति के कारण' था, जबकि पार्टी सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जुड़े मामलों के सिलसिले में वकीलों की सलाह भी ली।
JMM प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल सारंगी ने राज्य में सियासी बदलाव की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, झारखंड न झुका है और न झुकेगा।
झारखंड में सियासी बदलाव की अटकलों को इन दावों से और हवा मिल गई कि सोरेन दंपती ने राष्ट्रीय राजधानी में एक वरिष्ठ भाजपा नेता से मुलाकात की, जबकि राज्यपाल संतोष गंगवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की।