‘श्रमिक विरोधी नीतियों’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 
झारखंड

झारखंड में कोयला, बैंकिंग, डाक क्षेत्रों पर पड़ा हड़ताल का असर

हड़ताल का आह्वान श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त मंच ने किया

रांची : केंद्र सरकार की नीतियों विशेष रूप से नयी 4 श्रम संहिताओं के विरोध में बुधवार को आहूत देशव्यापी हड़ताल का असर झारखंड में कोयला, बैंकिंग, बीमा, डाक सहित अन्य क्षेत्रों पर देखा गया। इस राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त मंच ने किया है, जिसमें 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ विभिन्न स्वतंत्र अखिल भारतीय क्षेत्रीय महासंघ और संघ शामिल हैं। इस हड़ताल को झारखंड में श्रमिक संगठनों और वाम दलों का समर्थन प्राप्त है।

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) की झारखंड इकाई के महासचिव सुवेंदु सेन ने कहा, कोयला श्रमिकों की हड़ताल के कारण कोयले का उत्पादन और उसका परिवहन पूरी तरह से रुक गया है। बैंकिंग क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में दैनिक कारोबार भी प्रभावित होगा।

उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रमिक संगठनों और वामपंथी दल चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने सहित अपनी 17 सूत्री मांगों के समर्थन में रांची में संयुक्त रूप से दो रैलियां निकाले। हालांकि राज्य की राजधानी रांची की सड़कों और बाजारों में हड़ताल का असर अब तक नहीं देखा गया है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि उन्होंने सभी छोटे और बड़े विक्रेताओं से केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी नीतियों’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की।

आम हड़ताल पहले 20 मई को होनी थी लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

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