ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी 
झारखंड

'बदलाव चाहती है झारखंड की जनता', बोले ओडिशा के CM मोहन चरण माझी

घाटशिला उपचुनाव में BJP की जीत होगी

घाटशिला : ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को दावा किया कि झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत होगी। उन्होंने दावा किया कि नतीजे राज्य में लोगों की बदलाव की इच्छा को दर्शाएंगे।

माझी ने BJP उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन के समर्थन में दामपाड़ा में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि विधानसभा चुनाव के एक साल के भीतर ही झारखंड में लोगों का सरकार से मोहभंग हो गया है और वे बदलाव चाहते हैं।

उन्होंने कहा, यह वर्तमान सरकार के खराब प्रदर्शन को दर्शाता है। घाटशिला उपचुनाव में BJP की जीत लोगों की बदलाव की इच्छा को प्रदर्शित करेगी।

माझी ने जनसभा को अधिकतर संथाली भाषा में संबोधित किया। उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (पेसा) को लागू करने में विफल रहने के लिए आलोचना की। पेसा देश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों को स्वशासन प्रदान करता है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा, यहां की सरकार आदिवासियों के हितों की वकालत करने का दावा करती है, जबकि छह साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के बाद भी वह पेसा कानून को लागू करने में विफल रही है। इससे आदिवासियों को उनके अधिकारों से और ग्रामीणों को संविधान में निहित लाभों से वंचित किया गया है।

माझी ने कहा कि BJP आदिवासियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने तथा देश के राष्ट्रपति पद पर एक आदिवासी के निर्वाचन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की।

इस बीच, राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता कल्पना सोरेन ने घाटशिला से अपनी पार्टी के उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन के पक्ष में गालूडीह के आंचलिक मैदान में एक जनसभा की।

गांडेय से विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल ने कभी भी महिलाओं और आदिवासियों को सशक्त बनाने के बारे में नहीं सोचा, जैसा कि उनके पति और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में किया जा रहा है।

घाटशिला उपचुनाव में कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के अगस्त में निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी है।

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