रांची : झारखंड श्रम विभाग राज्य के एक मृतक प्रवासी मजदूर के परिवार के सदस्यों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देने के लिए मनाने की कोशिश करेगा ताकि उसके शव को वापस लाने का रास्ता साफ हो सके। यह प्रवासी मजदूर 16 अक्टूबर को सऊदी अरब में पुलिस और अपराधियों के बीच कथित गोलीबारी में मारा गया था।
झारखंड के श्रम आयुक्त रवि रंजन विक्रम ने बताया कि वे गिरिडीह जिले के अधिकारियों से कहेंगे कि वे परिवार के सदस्यों को NOC के लिए राजी करें, जो सऊदी अरब में नियमों के अनुसार शव को वापस लाने के लिए अनिवार्य आवश्यकता है।
राज्य प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ की ‘टीम लीडर’ शिखा लाकड़ा ने बताया कि मामला सऊदी अरब के लोक अभियोजन कार्यालय के पास है और जांच अभी जारी है इसलिए शव को भारत पहुंचने में कुछ और समय लगेगा।
शिखा लाकड़ा ने कहा, शव वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए हमें परिवार के सदस्यों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की आवश्यकता है। सऊदी अरब पुलिस और लोक अभियोजन कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद ही शव भेजा जाएगा और NOC अनिवार्य है। दुर्भाग्य से मृतक श्रमिक की पत्नी NOC देने में अनिच्छुक है।
प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने बताया कि मृतक युवक की पहचान गिरिडीह जिले के डुमरी ब्लॉक के अंतर्गत मध गोपाली पंचायत के दुधपनिया गांव निवासी विजय कुमार महतो के रूप में की गयी है। वह पिछले 9 महीने से सऊदी अरब में एक निजी कंपनी में श्रमिक के रूप में काम कर रहा था।
अली ने बताया, उसने 16 अक्टूबर की रात को अपनी पत्नी (बसंती देवी) को व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजा था कि वह गोलीबारी में फंस गया है और उसे चोट आई हैं। पत्नी ने उसी दिन अपने ससुराल वालों को सूचित किया लेकिन उन्हें लगा कि उसका इलाज चल रहा है। जिस निजी कंपनी में वह काम करता था, उसने 24 अक्टूबर को उन्हें बताया कि गोलीबारी में उसकी मौत हो गई है। पत्नी को लगता है कि अगर NOC दे दी गई, तो अधिकारी शायद केवल शव भेज देंगे और उन्हें मुआवजा नहीं देंगे।
रियाद स्थित भारतीय दूतावास द्वारा झारखंड सरकार को दी गई जानकारी के अनुसार, यह घटना जेद्दा क्षेत्र में हुई, जो जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास (CGI) के अधिकार क्षेत्र में आता है।
सोमवार को झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मजदूर के शव को वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया था।