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‘मैडम सर्जन’ का रहस्य खुला: NIA ने आतंक नेटवर्क की विदेशी कड़ियाँ पकड़ीं

आतंकी मॉड्यूल की मुखिया डॉ. शाहीन को आतंकी नेटवर्क में ‘मैडम सर्जन’ कोडनेम से जाना जाता था। एजेंसी को ऐसे सबूत भी मिले हैं

दिल्ली : दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में NIA को डॉक्टर शाहीन सईद से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। जांच में पता चला है कि सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की मुखिया डॉ. शाहीन को आतंकी नेटवर्क में ‘मैडम सर्जन’ कोडनेम से जाना जाता था। एजेंसी को ऐसे सबूत भी मिले हैं कि धमाके के तुरंत बाद वह देश छोड़कर खाड़ी देशों में अपने पाकिस्तानी हैंडलर से मिलने की तैयारी में थी। लेकिन समय पर नया पासपोर्ट जारी न होने की वजह से उसका प्लान अधूरा रह गया और वह सुरक्षा एजेंसियों के जाल में फंस गई। इससे साफ होता है कि यह नेटवर्क भारत और पाकिस्तान से आगे खाड़ी देशों तक फैला हुआ था।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके से ठीक एक हफ्ते पहले डॉ. शाहीन ने अपने नए पासपोर्ट के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की थी। योजना यह थी कि दस्तावेज मिलते ही वह तुरंत किसी खाड़ी देश में भाग जाएगी। जांच में यह भी सामने आया है कि शाहीन के पास पहले से दो पुराने पासपोर्ट थे, जिनकी मदद से उसने कई वर्षों तक बहरीन, कुवैत, ओमान, क़तर, सऊदी अरब और दुबई जैसे देशों की यात्राएँ कीं। उसकी अधिकतर संदिग्ध गतिविधियों का केंद्र भी यही खाड़ी क्षेत्र था, जहां वह एनजीओ की आड़ में आतंकी नेटवर्क के लिए फंड जुटाती थी।

जांच अभी यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि विस्फोट के बाद वह खाड़ी के किस देश में पाकिस्तानी हैंडलर से मिलने वाली थी और इसका उद्देश्य क्या था। इसके अलावा, NIA को डॉ. शाहीन और उसके टेरर मॉड्यूल से जुड़े तीन संदिग्ध एनजीओ के बैंक खातों में कई संदिग्ध लेनदेन का भी पता चला है, जो उसकी अवैध गतिविधियों को छिपाने की कोशिशों की ओर इशारा करता है।

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