विरोध का प्रतीकात्मक चित्र 
देश/विदेश

रेप के बाद हत्या की कोशिश के खिलाफ कोहिमा में महिलाओं ने निकाला न्याय मार्च

कोहिमा शहर- कारोबार रहा पूरी तरह बंद

कोहिमा : एकजुटता के एक सशक्त प्रदर्शन के दौरान शनिवार को कोहिमा की सड़कें थम सी गईं, जब हजारों लोग, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं, उत्तरी अंगामी महिला संगठन (एनएडब्लूओ) के नेतृत्व में एक विरोध रैली में शामिल हुए।

वे चार बच्चों की एक मां के लिए न्याय की मांग कर रहे थे, जिस पर बेरहमी से हमला किया गया था और वह बलात्कार तथा हत्या के प्रयास में बाल-बाल बच गयी थी। विरोध रैली रजू पॉइंट से शुरू हुई, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हुए। पीड़िता के प्रति सामूहिक आक्रोश और समर्थन में नागालैंड की राजधानी में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। नागालैंड को झकझोर देने वाली यह घटना 16 जुलाई को कोहिमा जिले के बोत्सा गांव के पास हुई। जिले के एक गांव निवासी 19 वर्षीय अभियुक्त ने कथित तौर पर महिला को उस समय रास्ते में रोक लिया जब वह अपने खेत से लौट रही थी। कोहिमा के उपायुक्त को सौंपे गए एनएडब्लूओ के ज्ञापन के अनुसार, अभियुक्त ने महिला के साथ बलात्कार करने और उसे मारने के इरादे से उसकी गर्दन, बांह और कान के पीछे कई बार चाकू मारा। एक राहगीर ने हमले को नाकाम कर दिया, जिससे अभियुक्त भाग गया। बाद में स्थानीय युवकों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। ‘पीड़िता के लिए न्याय’ और ‘अपराधी को सजा दो’ लिखे तख्तियों और बैनरों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कोहिमा डीसी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपने से पहले सड़कों पर मार्च किया। एनएडब्लूओ ने इस कृत्य को ‘कायरतापूर्ण, पूर्वनियोजित और अमानवीय’ करार दिया और इसे न केवल एक महिला पर हमला, बल्कि सभी महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए सीधा खतरा बताया। संगठन ने अधिकारियों से एक पुख्ता जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया और अभियुक्त को ज़मानत देने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध किया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बरी होने की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की और तत्काल न्यायिक सुधारों का आह्वान किया। क्रूर हमले की पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर महिलाओं के नेतृत्व में प्रदर्शन ज्ञापन में कहा गया है, ‘अभियुक्त सभ्य समाज में जगह पाने का हकदार नहीं है।’ साथ ही, पीड़िता और उसके परिवार के लिए सुरक्षात्मक उपायों की मांग की गयी है। एनएडब्ल्यूओ ने कानूनी प्रणाली में विश्वास दोहराते हुए निष्कर्ष निकाला, लेकिन चेतावनी दी कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि यह भी दिखना चाहिए कि न्याय शीघ्रता से और बिना किसी समझौते के किया गया है।

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